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जब पीएम किसी राज्य में क‌ई दिन रुकते हैं, तो पीएमओ कैसे काम करता है? क्या है ‘Mini-PMO’? डिटेल में जानिए पूरी बात…

What is Temporary PMO?: आज हम जानेंगे कि जब पीएम दिल्ली से बाहर रहते हैं और उन्हें किसी राज्य में क‌ई दिन तक रुकना पड़ता है,‌ तो प्रधानमंत्री कार्यालय कैसे काम करता है? क्या उनके दिल्ली में न होने से काम पर कोई असर पड़ता है?

Written By: shristi S
Last Updated: 2025-11-28 17:10:55

PM Modi CG Visit- PMO Function: पीएम नरेंद्र मोदी आज शाम तक 2 दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ के रायपर पहुंच जाएंगे. दरअसल छत्तीसगढ़ के नया रायपुर में DGP-IG समिट होने जा रही है, जहां 28 और 30 नंवबर के बीच 3 दिनों के लिए शहर में वीवीआईपी प्रवास पर रहेंगे. पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी शहर में निवास करेंगे. छत्तीसगढ़ में यह कॉन्फ्रेंस पहली बार होने जा रही है. इस बीच देश की सरकार एक तरह से नया रायपुर शहर से संचालित होगी. 
 
ऐसे में मन में यह सवाल उठता है कि अगर पीएम दिल्ली में न हों, तो प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) कैसे काम करता है? क्या पीएम के न होने से वहां के काम में कोई असर पड़ता है या फिर सारा काम आसानी से होता है. पीएम के काम को आसान बनाने के लिए क्या कोई इंतजाम किया जाता है. आइए विस्तार से जानते हैं-

पीएम के न होने पर PMO कैसे करता है काम?

जब प्रधानमंत्री (PM) दिल्ली के बाहर किसी ऑफिशियल दौरे पर होते हैं, तो प्रधानमंत्री ऑफिस (PMO) नॉर्मल तरीके से काम करता रहता है, लेकिन कुछ खास इंतज़ाम किए जाते हैं. दौरे पर प्रधानमंत्री के साथ PMO के टॉप अधिकारी और एक कोर टीम जाती है, और जिस जगह वे रुकते हैं, उसे टेम्पररी या ‘मिनी-PMO’ नाम दिया जाता है. इसका असर नई दिल्ली के PMO पर नहीं पड़ता.

नॉर्मल काम जारी रहता है: नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक में मेन PMO नॉर्मल तरीके से काम करता रहता है, जिसमें दूसरे अधिकारी फाइलों पर काम करते हैं, ज़रूरी मामलों को संभालते हैं, और मिनिस्ट्रीज़ के साथ कोऑर्डिनेट करते हैं.
PM के साथ जाने वाली टीम: प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान, प्रिंसिपल सेक्रेटरी, नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर और दूसरे सीनियर अधिकारियों की एक छोटी और काबिल टीम उनके साथ जाती है.
टेक्निकल और सिक्योरिटी इंतज़ाम: दौरे की जगह पर एक सुरक्षित कम्युनिकेशन नेटवर्क और ज़रूरी टेक्निकल सुविधाएं बनाई जाती हैं ताकि प्रधानमंत्री देश में कहीं से भी ज़रूरी फाइलों को प्रोसेस कर सकें और फैसले ले सकें. आज के डिजिटल ज़माने में, PM लगभग कहीं से भी काम कर सकते हैं.

इमरजेंसी फैसले: अगर कोई अर्जेंट मामला आता है, तो PM तुरंत संबंधित मंत्रियों, चीफ सेक्रेटरी या दूसरे अधिकारियों से संपर्क करके फैसला लेते हैं.

 छत्तीसगढ़ में रहेगा 3 दिन तक टेम्पररी/मिनी-PMO 

बता दें कि, छत्तीसगढ़ का नया रायपुर शहर, जिसे राज्य का नर्व सेंटर बनाया गया है, 28 और 30 नवंबर के बीच तीन दिनों के लिए मिनी-PMO के तौर पर भी काम करेगा. इस दौरान PM मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के DGP/IGP कॉन्फ्रेंस के लिए यहां पहुंचेगे. नया रायपुर में स्पीकर हाउस तीन दिनों के लिए टेम्पररी PMO के तौर पर काम करेगा, जहां PM भी रहेंगे. DGP कॉन्फ्रेंस का 60वां एडिशन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट (IIM) के कैंपस में होगा.

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