Digital Banking Experiance: पिछले कुछ सालों में डिजिटल ट्रांज़ैक्शन तेज़ी से बढ़े है. लेकिन इसके साथ ही फ्रॉड के मामले भी तेज़ी से बढ़े है. रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने डिजिटल बैंकिंग को आसान और ज़्यादा सुरक्षित बनाने के लिए 7 नए मास्टर डायरेक्शन जारी किए है. कस्टमर की सुविधा को ध्यान में रखते हुए नए नियम 1 जनवरी 2026 से देश भर के बैंकों में लागू होने है. ये निर्देश कस्टमर की सुरक्षा पक्का करने और नियमों को आसान बनाने की सरकार की पहल के तहत जारी किए गए है.
कागज़ी कार्रवाई का बोझ कम होगा
इससे न सिर्फ़ कस्टमर बल्कि बैंक और NBFC को भी फ़ायदा होगा. इन संस्थानों पर गैर-ज़रूरी कागज़ात का बोझ कम होगा और उनका काम आसान हो जाएगा. रिजर्व बैंक ने कुल 244 मास्टर डायरेक्शन जारी किए है. पहले डिजिटल बैंकिंग नियम अलग-अलग सर्कुलर में फैले हुए थे. अब RBI ने उन्हें खास तौर पर डिजिटल बैंकिंग के लिए सात नए मास्टर डायरेक्शन में मिला दिया है. इनसे बैंकिंग नियमों को समझना और उनका पालन करना आसान हो जाएगा.
नए नियमों से कौन प्रभावित होगा?
RBI के जारी किए गए नियम बड़े कमर्शियल बैंकों छोटे फाइनेंस बैंकों पेमेंट बैंकों लोकल एरिया बैंकों रीजनल रूरल बैंकों अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों और रूरल कोऑपरेटिव बैंकों पर लागू होंगे. कुल मिलाकर ये नियम सभी तरह के बैंकों पर लागू होंगे. इन नियमों को 1 जनवरी 2026 से लागू करने की योजना है. RBI पिछले छह महीनों से यह काम कर रहा है. इस पहल के तहत रिज़र्व बैंक ने 5,673 पुराने सर्कुलर रद्द कर दिए है.
हर बैंक को एक डिजिटल पॉलिसी बनानी होगी
नए नियम के मुताबिक हर बैंक को अपनी डिजिटल बैंकिंग पॉलिसी बनानी होगी. इस पॉलिसी में बताया जाएगा कि इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और UPI में कस्टमर के पैसे कैसे सुरक्षित रहेंगे, लिक्विडिटी कैसे मैनेज की जाएगी और किसी भी टेक्निकल गड़बड़ी की स्थिति में क्या किया जाएगा.
कस्टमर को क्या फायदा होगा?
साफ और साफ नियमों से बैंक नई सर्विस जल्दी शुरू कर पाएंगे. इससे साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए सख्त नियम बन पाएंगे. इसके अलावा छोटे बैंक भी बड़े बैंकों की तरह डिजिटल सर्विस दे पाएंगे. शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी.
RBI का मकसद एक देश, एक नियम
RBI ने कहा “हम देश में बैंकिंग को जितना हो सके आसान बनाना चाहते हैं.” इसलिए हम पुराने मुश्किल नियमों को खत्म कर रहे हैं और नई, साफ़-सुथरी किताबें ला रहे है.’ आसान शब्दों में कहें तो 2026 तक आपकी मोबाइल बैंकिंग, नेट बैंकिंग और UPI और भी तेज़, सुरक्षित और आसान हो जाएंगी. आपको किसी भी परेशानी से नहीं जूझना पड़ेगा.