दिल्ली के पॉल्यूशन पर किरन ने जताई चिंता
पीएम से की रिक्वेस्ट
Sir please 🙏forgive me for pleading again.
But I have seen your very effective Zoom sessions during my time in Puducherry.
How you got every body to deliver and perform time bound in several national challenges. .
How everyone was inspired to meet the deadlines and the goals.…— Kiran Bedi (@thekiranbedi) November 28, 2025
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली की लगातार बिगड़ती एयर क्वालिटी की समस्या को हल करने के लिए इसी तरह की लीडरशिप और गाइडेंस ज़रूरी है. इसके लिए प्रधानमंत्री के “मन की बात” में इस मुद्दे को उठाने से केंद्र सरकार और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल होगा और लोगों में जागरूकता बढ़ेगी.
सरकारी घरों में एयर प्यूरीफायर को बैन लगाने की मांग की
How about installation of air purifiers in govt offices and residences at govt cost get banned?
Or else how will they breathe polluted air to know what happens.
Further it inhibits their going to field and checking hot spots.
We need solutions please, not to hurt anyone.— Kiran Bedi (@thekiranbedi) November 29, 2025
बेदी ने उठाया सवाल
How officials who are working in offices with purifiers, driving in a car with purifier, and living in a house with purifiers know the air quality outside?
Also All at official costs?
While many are suffering from chest congestion, running noses, sneezing and coughing.
And even…— Kiran Bedi (@thekiranbedi) November 29, 2025
उन्होंने आगे कहा कि उनकी यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एयर पॉल्यूशन कम करने के लिए पर्सनली दखल देने और कोशिशों को डायरेक्ट करने की अपील करने के एक दिन बाद आई है. PM को अपने मैसेज में, बेदी ने पुडुचेरी में लेफ्टिनेंट गवर्नर के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान अपनी लीडरशिप स्टाइल को याद किया.
किरण बेदी के एंटी पॉल्यूशन प्लान में क्या है खास?
दिल्ली में पॉल्यूशन को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच, किरण बेदी ने एयर क्वालिटी के मुद्दों पर एक कड़ा मैसेज शेयर किया. उन्होंने जनता, अधिकारियों और पड़ोसी राज्यों से मिलकर काम करने का तरीका अपनाने की अपील की है. बेदी ने कहा कि पॉल्यूशन कोई अचानक आई समस्या नहीं है, बल्कि गवर्नेंस में दशकों से सही कोऑर्डिनेशन और लॉन्ग-टर्म प्लानिंग की कमी का नतीजा है. उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि जब तक सभी संबंधित एजेंसिया केंद्र, राज्य, स्थानीय प्रशासन और जनता एक साथ काम नहीं करेंगी, तब तक असरदार प्रदूषण कंट्रोल मुमकिन नहीं होगा.