नकली घी सेहत के लिए नुकसानदायक क्यों होता है?
नकली घी के 6 सबसे बड़े नुकसानदायक असर
मिलावट करने वाले नकली देसी घी में ट्रांस फैट, सिंथेटिक तेल और केमिकल मिलाते हैं. लंबे समय तक इस्तेमाल करने से कैंसर जैसी जानलेवा और खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं. NCBI की एक रिपोर्ट के अनुसार, नकली घी में जानवरों की चर्बी और आर्टिफिशियल चीज़ें कैंसर को बढ़ावा दे सकती हैं.
2. दिल की बीमारी
नकली घी में मिलाए जाने वाले वेजिटेबल ऑयल और ट्रांस फैट तेज़ी से कोलेस्ट्रॉल बढ़ाते हैं, जिससे आर्टरीज़ में ब्लॉकेज, हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। रोज़ थोड़ी सी भी मिलावट धीरे-धीरे दिल के लिए खतरा बन सकती है।
4. डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए खतरा
नकली घी से गैस, एसिडिटी, अपच और डायरिया जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. इसे रेगुलर खाने से लिवर और आंतों पर बुरा असर पड़ सकता है, जिससे डाइजेस्टिव सिस्टम पर असर पड़ सकता है.
5. कमज़ोर इम्यूनिटी
जब शरीर में टॉक्सिन जमा हो जाते हैं, तो इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता है. यह बच्चों, बुज़ुर्गों और पहले से किसी मेडिकल कंडीशन वाले लोगों में सबसे ज़्यादा होता है. नकली घी शरीर के नैचुरल इम्यून सिस्टम को खराब कर सकता है.
6. लिवर और किडनी को नुकसान
FSSAI की कई रिपोर्ट में कहा गया है कि नकली घी में ऐसे केमिकल होते हैं जो धीरे-धीरे लिवर और किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे लिवर सिरोसिस, किडनी फेलियर और ब्लड प्यूरिफिकेशन जैसी दिक्कतें हो सकती हैं.
घर पर नकली घी की पहचान कैसे करें?
2. इसे अपने हाथ पर रगड़ें. अपनी हथेली पर थोड़ा सा घी मलें. असली घी तुरंत पिघल जाएगा और खुशबू देगा. नकली घी गाढ़ा होगा और उसमें अजीब सी गंध होगी.
3. पानी से टेस्ट: थोड़ा सा घी पानी में डालें. अगर यह तैरता है और परतें नहीं बनती हैं, तो यह असली हो सकता है. अगर परतें बनती हैं, तो यह मिलावटी हो सकता है.
4. आयोडीन ड्रॉप टेस्ट: आधा चम्मच घी में आयोडीन की 2 बूंदें डालें. अगर रंग नीला हो जाता है, तो यह निश्चित रूप से स्टार्च की मिलावट है.
5. रूम टेम्परेचर: असली घी रूम टेम्परेचर पर थोड़ा पिघलता है. नकली घी पूरी तरह से सख्त होता है या बहुत जल्दी पिघल जाता है.
असली देसी घी खरीदते समय इन 5 बातों का ध्यान रखें
- हमेशा FSSAI लाइसेंस नंबर चेक करें.
- घी केवल ब्रांडेड और भरोसेमंद कंपनियों से ही खरीदें.
- बहुत कम कीमत पर बिकने वाले घी से बचें.
- घी की खुशबू और रंग ज़रूर चेक करें.
- हो सके तो घर का बना या गांव का घी इस्तेमाल करें.