Bs Yediyurappa POCSO Case: मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के पूर्व CM येदियुरप्पा के POCSO केस पर सुनवाई करते हुए उनके ट्रायल पर रोक लगा दी है.सीनियर वकील सिद्धार्थ लूथरा और सिद्धार्थ दवे ने दलील दी कि हाई कोर्ट ने पहले आपत्तियां उठाने की छूट दिए जाने के बावजूद मेरिट पर विचार नहीं किया.लूथरा ने कहा कि 88 साल के और चार बार CM रहे येदियुरप्पा पर कथित तौर पर राजनीतिक बदले की कार्रवाई हो रही है.
याचिका में कर्नाटक हाई कोर्ट के 13 नवंबर के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें केस रद्द करने से मना कर दिया गया था.सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट CID और शिकायत करने वाले को नोटिस जारी करके पूछा है कि क्या मामले को नए सिरे से विचार के लिए हाई कोर्ट वापस भेजा जाना चाहिए.
क्या था पूरा मामला ?
आरोप है कि 17 साल के एक नाबालिग ने 2 फरवरी, 2024 को बेंगलुरु में अपने घर पर एक मीटिंग के दौरान येदियुरप्पा पर सेक्शुअल असॉल्ट का आरोप लगाया था. नाबालिग और उसकी मां ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी. मीटिंग का मकसद पहले से दर्ज सेक्शुअल असॉल्ट केस और दूसरे मामलों का हल निकालना था. आरोप है कि मीटिंग के दौरान नाबालिग का सेक्शुअल असॉल्ट हुआ था. हालांकि, इस मामले में पिटीशनर, नाबालिग की मां की खराब सेहत की वजह से मौत हो गई. फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने येदियुरप्पा और अरुणा, रुद्रेश और मारिस्वामी समेत तीन अन्य लोगों को समन जारी करते हुए सभी को 2 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा था.
हाई कोर्ट ने ट्रायल आगे बढ़ाने की दी थी इजाजत
कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस केस में ट्रायल आगे बढ़ाने की इजाजत दे दी थी. नवंबर में, हाई कोर्ट ने येदियुरप्पा और दूसरे आरोपियों की केस खारिज करने की अर्जी खारिज कर दी थी. इस पूरे केस में, हाई कोर्ट ने निर्देश दिए थे कि येदियुरप्पा की मौजूदगी तब तक जरूरी नहीं होगी, जब तक ट्रायल कोर्ट इसकी मांग न करे. उनकी लीव पिटीशन पर भी विचार किया जाएगा. हाई कोर्ट के जज ने साफ किया कि येदियुरप्पा केस से बरी होने के लिए अर्जी दे सकते हैं.