प्रधानमंत्री मोदी की पोस्ट
19 वर्ष के देवव्रत महेश रेखे जी ने जो उपलब्धि हासिल की है, वो जानकर मन प्रफुल्लित हो गया है। उनकी ये सफलता हमारी आने वाली पीढ़ियों की प्रेरणा बनने वाली है।
भारतीय संस्कृति में आस्था रखने वाले हर एक व्यक्ति को ये जानकर अच्छा लगेगा कि श्री देवव्रत ने शुक्ल यजुर्वेद की माध्यन्दिन… pic.twitter.com/YL9bVwK36o
— Narendra Modi (@narendramodi) December 2, 2025
वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे कौन हैं?
महाराष्ट्र के अहिल्या नगर के रहने वाले वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे, वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे के पिता हैं, जिनका नाम वेदब्रह्मश्री महेश चंद्रकांत रेखे है. वे वाराणसी के सांगवेद विद्यालय के स्टूडेंट हैं. गौरतलब है कि दंडक्रम पारायण को बहुत मुश्किल टेस्ट माना जाता है, जिसके लिए रेखे रेगुलर चार घंटे प्रैक्टिस करते थे. कहा जाता है कि वह हर दिन सुबह 8:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक प्रैक्टिस करते थे.