Hindu Wedding Rituals: हिंदू धर्म में, शादी को 16 संस्कारों में से एक माना जाता है, जिनमें से हर एक का एक खास महत्व होता है. कुल मिलाकर, शादी की हर रस्म और रिवाज का एक गहरा भावनात्मक और पारंपरिक मतलब होता है. हिंदू शादियों में कई परंपराएं होती हैं, जिनमें से एक है दुल्हन का लाल कपड़ा पहनना. आइए इस खास परंपरा के बारे में जानें, जो सदियों से चली आ रही है.
शादी में दुल्हन के लाल कपड़े पहनने का महत्व
जब दुल्हन गलियारे से गुजरती है, तो उसके लिए लाल साड़ी या लाल कपड़ा पहनना पारंपरिक होता है. धार्मिक परंपरा के अनुसार, लाल रंग सिर्फ सुंदरता के लिए नहीं होता. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, लाल रंग देवी लक्ष्मी का प्रतीक है. शादी के दिन, दुल्हन को देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है, इसलिए घर में सुख, समृद्धि और शुभता लाने के लिए उसे लाल कपड़े पहनाए जाते हैं. इसीलिए दुल्हन को घर की लक्ष्मी कहा जाता है.
लाल रंग अग्नि का प्रतीक
लाल रंग को अग्नि का प्रतीक भी माना जाता है. शादी की पूरी रस्म अग्नि को साक्षी मानकर की जाती है. इसलिए, दुल्हन को लाल-केसरिया रंग के कपड़े पहनाए जाते हैं, इसके अलावा, लाल रंग हिम्मत, एनर्जी और एक नई जिंदगी की शुरुआत का भी प्रतीक है.
लाल रंग त्याग का प्रतीक है
दुल्हन के लाल कपड़े पहनने का एक कारण यह है कि इसे त्याग और समर्पण का प्रतीक माना जाता है. शादी के दौरान, दुल्हन अपने माता-पिता का घर छोड़कर अपने ससुराल में एक नई जिंदगी शुरू करती है. इसी समर्पण और त्याग का प्रतीक लाल रंग है. शादी सिर्फ एक रस्म नहीं है, बल्कि एक पूरी वैदिक रस्म है. इसलिए, हर रस्म, मेहंदी, हल्दी, तेल लगाना, गांव से मिट्टी (मंगर मिट्टी) लाना, मंडप बनाना, इसके पीछे वैज्ञानिक, सांस्कृतिक और धार्मिक कारण हैं.