Richa Ghosh Becomes DSP: भारतीय महिला क्रिकेट टीम की युवा और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋचा घोष को पश्चिम बंगाल सरकार ने स्पोर्ट्स कोटे के तहत पुलिस विभाग में पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के महत्वपूर्ण पद पर अब नियुक्त कर दिया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें ईडन गार्डन्स में आयोजित एक विशेष समारोह के दौरान नियुक्ति पत्र सौंपा है.
डीएसपी के रूप में कितना मिलता है वेतन?
पश्चिम बंगाल पुलिस में DSP के रूप में ऋचा घोष का मूल वेतन यानी (Basic Pay) लगभग 56 हजार 100 रुपये प्रति महीने होता है, यह शुरुआती वेतन है, जिसके ऊपर कई सरकारी भत्ते जुड़े रहते हैं. इसके अलावा इसमे में महंगाई भत्ता एक सबसे ज्यादा बड़ा हिस्सा होता है और यह समय-समय पर इसमें बढ़ता जाता है. महंगाई भत्ता, यह मूल वेतन का एक सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है और समय-समय पर इसमें वृद्धि देखने को मिलती है. इसके साथ ही मकान के किराए पर होने वाले खर्चों को कम करने में पूरी तरह से मदद करता है.
बात करें यात्रा के खर्चों के बारे में तो, यह आवास पर होने वाले खर्चों को कम करने में भी पूरी तरह से मदद करता है. तो वहीं, दूसरी तरफ इन भत्तों के जुड़ने से कुल मासिक आय (Gross Monthly Income) काफी ज्यादा अच्छी होने लगती है और हर साल यह वेतन तेज़ी से बढ़ने लगता है.
स्पोर्ट्स कोटे के तहत क्या हैं अन्य सुविधाएं?
DSP का पद प्रतिष्ठा के साथ-साथ एक सुरक्षित करियर भी पूरी तरह से प्रदान करता है. स्पोर्ट्स कोटे के तहत नियुक्ति के साथ ऋचा को कई अन्य महत्वपूर्ण प्रशासनिक युविधाएं भी दी जाती हैं. जिसमें सरकारी वाहन से आधिकारिक कार्यों के लिए वाहन की सुविधा के साथ-साथ वर्दी संबंधी खर्चों के लिए भत्ता. इतनी नही नहीं, चिकित्सा सुविधाएं, सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन की सुविधाएं भी दी जाती हैं.
किस तरह की होती हैं महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां?
DSP बनने के बाद, ऋचा घोष कानून-व्यवस्था बनाए रखने, पुलिस टीमों का नेतृत्व करने, अपराध नियंत्रण करने और विभिन्न प्रशासनिक कार्यों की देखरेख करने जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां अब पूरी तरह से निभाएंगी. ऋचा घोष को उनकी शानदार क्रिकेट उपलब्धियों, विशेष रूप से महिला विश्व कप फाइनल में 24 गेंदों पर 34 रनों की उनकी निर्णायक पारी के लिए, CAB (बंगाल क्रिकेट संघ) द्वारा 34 लाख रुपये से भी भव्य तरीके से सम्मानित किया गया था.