वह ‘गुप्त घोल’ जो चने के साग को बनाता है बेहद ही स्वादिष्ट, और क्या होते हैं इसके फायदे?
Benefits of eating Chana Saag in winter: सर्दियां आते ही ज्यादातर चने के साग का सेवन करना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं. दरअसल, चने के साग में आयरन, प्रोटीन और फाइबर की भरपूर मात्रा होती है, जो हमारे शरीर के स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है. इसे बनाने की विधि बहेद ही सरल है, जिसमें साग को मसालों के साथ ही पकाया जाता है और फिर आखिरी में देसी घी का तड़का भी लगाया जाता है.
साग की तैयारी
ताज़ा चने का साग लें, इसे अच्छी तरह धोकर बारीक काटना शुरू कर दें.
उबालना का तरीका
कटे हुए साग को नमक और हरी मिर्च के साथ थोड़ा पानी डालकर नरम होने तक उबाल लें.
पिसाई करने का तरीका
उबले हुए साग को हल्का दरदरा पीस लें और फिर चम्मच से मैश करना शुरू कर दें.
तड़का कैसे करें तैयार
एक कड़ाही में देसी घी या फिर सरसों का तेल गर्म कर लें.
मसाला डालना न भूलें
गर्म घी में हींग और जीरा डालें, फिर बारीक कटा लहसुन और अदरक डालकर भूनना शुरू कर दें.
साग पकाना सबसे है अहम
अब उबला और मैश किया हुआ साग डालें और स्वादानुसार नमक और थोड़े और मसाले जैसे धनिया पाउडर को अच्छी तरह से मिलाएं.
आटे का घोल
मक्के और बेसन के आटे को पानी में घोलकर साग में डाल दें ताकि, इससे साग में गाढ़ापन आ सके.
धीमी आंच पर पकाएं
साग को धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक कि तेल ऊपर नहीं आ जाए और फिर गरमागरम मक्का की रोटी के साथ इसे परोसें.