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Jungle Trail in Noida: नोएडा में खुला दुनिया का सबसे खूबसूरत जंगल, कबाड़ से बनाई सुंदर-सुंदर आकृतियां; जानें टिकट प्राइज और टाइमिंग

Jungle Trail in Noida: नोएडा के सेक्टर-94 में नया ‘जंगल ट्रेल पार्क’ खुल चुका है. यह पार्क 25 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है. इसे पीपीपी मॉडल पर तैयार किया गया है.

Written By: Preeti Rajput
Last Updated: December 6, 2025 10:23:32 IST

Jungle Trail in Noida: नोएडा ने सेक्टर 94 में जंगल ट्रेल पार्क को ऑफिशियली खोल दिया है. यह पहला वेस्ट-टू-वाइल्डलाइफ अट्रैक्शन है जो पूरी तरह से स्क्रैप मटीरियल से बना है. पार्क का उद्घाटन नोएडा के MLA पंकज सिंह और गौतम बुद्ध नगर के MP डॉ. महेश शर्मा ने किया, और यह 1 दिसंबर, 2025 को आम लोगों के लिए खुल चुका है.

₹25 करोड़ की लागत से बना पार्क

यह पार्क ₹25 करोड़ की लागत से बना है. 18.27 एकड़ ज़मीन, जो कभी बंजर थी, अब एक थीम पार्क में बदल गई है जिसमें वाइल्डलाइफ, हरी-भरी हरियाली, रात में रोशनी और फैमिली एक्टिविटीज़ दिखाई जाती हैं. यह प्रोजेक्ट पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत बनाया गया था और शुरू में इसे पब्लिक फीडबैक लेने के लिए ट्रायल बेसिस पर खोला गया था.

स्क्रैप से बनी मूर्तियां

जंगल ट्रेल पार्क की सबसे खास बातों में से एक है स्क्रैप मटीरियल का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल. 400 टन से ज़्यादा कचरे का इस्तेमाल करके 650 से ज़्यादा जानवरों और पक्षियों की मूर्तियां बनाई गई हैं, जिसमें पुरानी लोहे की रॉड, मोटर पार्ट्स, फेंके गए तार और बिजली के खंभे शामिल हैं.

दुनिया की सबसे बड़ी आर्टिफिशियल जंगल सफारी

इन इंस्टॉलेशन में सभी सात महाद्वीपों की प्रजातियां हैं, जिनमें बाघ, शेर और जिराफ से लेकर पेंगुइन, ऑक्टोपस और शार्क तक शामिल हैं. यह पार्क अब पूरी तरह से स्क्रैप से बनी दुनिया की सबसे बड़ी आर्टिफिशियल जंगल सफारी के तौर पर जाना जाता है.

समय

 सुबह 9:00 बजे से रात 9:00 बजे तक

टिकट की कीमत

  • ₹120 प्रति व्यक्ति.
  • 3 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए एंट्री फ्री है.
  • टिकट ऑनलाइन और काउंटर दोनों पर उपलब्ध हैं.
  • एडवेंचर एक्टिविटीज़ के लिए अलग से चार्ज लिया जाएगा.

असली जंगल का डिज़ाइन

जंगल जैसा माहौल बनाने के लिए, मियावाकी तरीके का इस्तेमाल करके 350,000 से ज़्यादा पेड़ लगाए गए, जिससे एक घना, तेज़ी से बढ़ने वाला हरा-भरा इलाका बना. एक साल के अंदर, यह कभी बंजर इलाका अब एक हरे-भरे छोटे जंगल जैसा दिखने लगा है. पार्क में एक लाइट-एंड-साउंड सिस्टम भी है जो जानवरों की आवाज़ें, कदमों की आहट और जंगल की आवाज़ें फिर से बनाता है. सूरज डूबने के बाद, मूर्तियों को रोशन किया जाता है, जिससे विज़िटर्स को नाइट-सफ़ारी जैसा अनुभव मिलता है.

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