यह नया सेंटर कौन सी सुविधाएं देगा?
विमान के पूरे ढांचे की बड़ी मरम्मत. इंजन, एवियोनिक्स और हथियार प्रणालियों का ओवरहॉल. पुराने पुर्जों की मरम्मत और अपग्रेडिंग. भारतीय इंजीनियरों और तकनीशियनों के लिए ट्रेनिंग। छोटे और बड़े भारतीय सप्लायर्स के लिए अवसर. यह सेंटर 2026 के आखिर तक पूरा हो जाएगा. पहला C-130J विमान मरम्मत के लिए 2027 की शुरुआत में आएगा.
क्या होगी इस सेंटर की खासियत?
अब C-130J विमानों को बड़ी मरम्मत के लिए अमेरिका नहीं भेजना पड़ेगा – जिससे समय और पैसा बचेगा. भारतीय वायु सेना की ऑपरेशनल तैयारी बढ़ेगी. हजारों नई हाई-स्किल्ड नौकरियां पैदा होंगी. भारत अब दूसरे देशों को C-130J सेवाएं दे पाएगा. मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहलों को बड़ा बढ़ावा मिलेगा. C-130J सुपर हरक्यूलिस को दुनिया के सबसे मजबूत और भरोसेमंद ट्रांसपोर्ट विमानों में से एक माना जाता है. भारत के पहाड़ों से लेकर समुद्र तक, राहत अभियानों से लेकर विशेष मिशनों तक इसका इस्तेमाल हर जगह होता है. अब इसकी मेंटेनेंस सर्विस भी भारत में उपलब्ध होगी.
दोनों कंपनियों के टॉप अधिकारियों ने क्या कहा?
लॉकहीड मार्टिन के COO फ्रैंक सेंट जॉन ने कहा कि भारत के साथ उनके संबंध 70 साल पुराने हैं. यह MRO सेंटर भारत को यहीं भारत में सबसे अच्छी सर्विस देगा. इससे यह सुनिश्चित होगा कि भारतीय वायु सेना के विमान हमेशा कार्रवाई के लिए तैयार रहें, और दूसरे देश भी इससे फायदा उठा पाएंगे.
टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के CEO सुकरण सिंह ने कहा कि यह सिर्फ एक फैक्ट्री नहीं है, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता का एक नया उदाहरण है. हजारों नई नौकरियां पैदा होंगी. नए कौशल विकसित होंगे, और भारत एशिया में सबसे बड़ा C-130J हब बन जाएगा.