Ilias Kashmiri: हालिया रिलीज हुई फिल्म ‘धुरंधर’ ने इलियास कश्मीरी को एक बार फिर से चर्चा में ला दिया है. मोहम्मद इलियास कश्मीरी (जिसका जन्म 10 फरवरी, 1964 को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के भीमबर में हुआ था) ने एक पाकिस्तानी स्पेशल सर्विसेज ग्रुप के ऑपरेटिव से अल-कायदा के टॉप कमांडर तक का सफर तय किया. वह पूरे दक्षिण एशिया में हमले करवाने और पश्चिम के खिलाफ साजिश रचने के लिए विशेष रूप से कुख्यात था. बताया जाता है कि इलियास कश्मीरी ने ही अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ लड़ाई लड़ी. मुजाहिदीनों को विस्फोटक की ट्रेनिंग देते समय उसकी एक आंख और एक उंगली चली गई, जिससे उसे काना कमांडर भी कहा जाता था. CNN द्वारा धरती पर सबसे खतरनाक आदमी कहे जाने वाले इलियास कश्मीरी ने क्षेत्रीय जिहाद को वैश्विक आतंकवाद में बदल दिया.
हूजी संगठन में शामिल
समय बीतने के साथ ही इलियास कश्मीरी हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी (HuJI) में शामिल हो गया. हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी (हूजी) यह विश्व का एक प्रमुख आतंकवादी और उग्रवादी संगठन हैं. बांग्लादेश मे तालिबान के समर्थको द्वारा इस संगठन की स्थापना की गई थी. भारत मे 2006 में बनारस तथा 2010 में राजधानी दिल्ली में हुए बम धमाके हूजी से जुड़े हुए हैं.
भारत में आतंकी हमलों का सरगना
भारत में हुए कई आतंकी हमलों के पीछे उसे ज़िम्मेदार माना जाता है. भारत में बनारस, दिल्ली सहित कई अलग-अलग शहरों में हुए आतंकी हमलों के लिए इलियास कश्मीरी को जिम्मेदार माना जाता है. उसने भारतीय कश्मीर में सीमा पार हमलों में एलीट 313 ब्रिगेड का भी नेतृत्व किया और वर्ष 2000 में वह एक भारतीय सैनिक का सिर काटने के लिए कुख्यात हुआ जिसके लिए कथित तौर पर उसे जनरल परवेज मुशर्रफ से इनाम भी मिला. 2008 के मुंबई हमलों (जो मूल रूप से भारत-पाकिस्तान युद्ध भड़काने का उनका विचार था), 2009 के लाहौर ISI बम धमाके, जनरल आमिर फैसल अल्वी की हत्या, और 2010 के पुणे बम धमाके जैसे हाई-प्रोफाइल हमलों से इलियास कश्मीरी का नाम जुड़ा है.
इलियास कश्मीरी पर अमेरिका ने रखा $5 मिलियन का इनाम
इलियास कश्मीरी ने भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में कई आतंकी हमलों को अमलीजामा पहनाया है.अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने उसे डेनमार्क में साजिशों और अमेरिकी स्टेडियम हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया. 2010 में UN द्वारा उसे ब्लैकलिस्ट किये जाने से पहले अमेरिका ने उसपर $5 मिलियन का इनाम रखा था. 3 जून, 2011 को अल-कायदा, तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा जैसे कई आतंकी संगठनों में शामिल इलियास कश्मीरी के अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने की खबर आई थी, लेकिन इसकी पुष्टि अलग-अलग थी. अधिकांश देशों और सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इलियास कश्मीरी मर चुका है, लेकिन कुछ पाकिस्तानी सूत्रों ने 2012 तक उन्हें देखे जाने का दावा किया है.