Live
Search
Home > हेल्थ > जिम जॉइन करने से पहले जरूर कराएं ये 5 टेस्ट! कम होगा अचानक हार्ट अटैक का रिस्क

जिम जॉइन करने से पहले जरूर कराएं ये 5 टेस्ट! कम होगा अचानक हार्ट अटैक का रिस्क

जिम या हैवी वर्कआउट शुरू करने से पहले जरूरी हेल्थ टेस्ट कराएं, ताकि छिपी हुई हार्ट प्रॉब्लम का समय रहते पता लगाया जा सके. ईसीजी और विटामिन जैसी जांचें खासतौर पर 30 साल से ऊपर वालों के लिए जरूरी है.

Written By: Mohammad Nematullah
Last Updated: December 11, 2025 09:10:01 IST

Workout Tips: आजकल फिट और जिम जाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. हालांकि कभी- कभी जो लोग पूरी तरह फिट दिखते है. उन्हें भी अचानक कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो जाते है. इसका कारण कोई अनजान और छिपी हुई दिल की समस्या होती है. जिसका पता नहीं चल पाता है. एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि जिम या किसी भी तरह की भारी वर्कआउट रूटीन शुरू करने से पहले कुछ जरूरी हेल्थ टेस्ट करवाना जरूरी है. इससे न सिर्फ़ दिल की सेहत का अंदाज़ा लगेगा, बल्कि यह भी पता चलेगा कि आपका शरीर ऐसी फिजिकल एक्टिविटी के लिए तैयार है या नहीं?

30 साल की उम्र के बाद और भी जरूरी

कुछ एक्सपर्ट्स के अनुसार ये टेस्ट 30 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों के लिए खास तौर पर जरूरी है. ये उन लोगों के लिए भी जरूरी हैं जिनके परिवार में दिल की बीमारी का इतिहास रहा है या जो लंबे ब्रेक के बाद वर्कआउट फिर से शुरू कर रहे है. दूसरे एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये टेस्ट छिपी हुई दिल की बीमारियों का पता लगा सकते हैं, जिनका अगर समय पर पता चल जाए तो बड़े खतरों से बचा जा सकता है.

ये है जरूरी टेस्ट

ECG: यह टेस्ट दिल की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को रिकॉर्ड करता है और दिल की धड़कन में अनियमितता, कंडक्शन ब्लॉक या पिछले साइलेंट हार्ट अटैक के संकेतों का पता लगा सकता है.

2D इको: यह टेस्ट अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल करके दिल की बनावट और काम करने के तरीके की जांच करता है. यह हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी जैसी गंभीर स्थितियों का पता लगा सकता है, जिससे कभी-कभी अचानक कार्डियक अरेस्ट हो सकता है.

TMT: यह टेस्ट कंट्रोल्ड माहौल में एक्सरसाइज के दौरान दिल के परफॉर्मेंस की जांच करता है. इसे उन लोगों के लिए बहुत असरदार माना जाता है जो हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट करते है.

कार्डियक बायोमार्कर: यह ब्लड टेस्ट दिल की मांसपेशियों में तनाव या मामूली नुकसान का पता लगाता है, जो बिना किसी लक्षण के भी हो सकता है.

इन्फ्लेमेटरी मार्कर: यह टेस्ट शरीर में सूजन के लेवल को मापता है, जो धमनियों में प्लाक जमने के जोखिम का संकेत दे सकता है.

लिपिड प्रोफाइल और HbA1c: यह टेस्ट कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लेवल के साथ-साथ पिछले तीन महीनों के औसत ब्लड शुगर लेवल को मापता है. यह टेस्ट डायबिटीज और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के जोखिम का आकलन करने में भी मददगार है.

विटामिन टेस्ट भी जरूरी है

विटामिन D और B12 की कमी से एनर्जी लेवल, हड्डियों की सेहत और मांसपेशियों की सेहत पर असर पड़ सकता है. इसलिए इनके लिए टेस्ट करवाना भी जरूरी है.

एक्सपर्ट की सलाह

इन टेस्ट को लग्ज़री न समझें, बल्कि जीवन बचाने का एक उपाय समझें है. ये टेस्ट करवाने और अपने डॉक्टर से हरी झंडी मिलने के बाद ही अपना जिम रूटीन शुरू करें. समय पर सावधानियां बरतने से अचानक कार्डियक अरेस्ट या दिल से जुड़ी दूसरी जानलेवा घटनाओं को रोका जा सकता है.

MORE NEWS

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?