19 Minute Viral Video: बीते कुछ दिनों से एक 19 मिनट 34 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक युवा जोड़े के बीच करीबी मुलाकात का दावा किया जा रहा है.
लोगों के बीच तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो पर हरियाणा पुलिस साइबर सेल ऑफिसर अमित यादव ने लोगों को कड़ी चेतावनी दी है, जिसमें उन्होंने कन्फर्म किया है कि क्लिप पूरी तरह से AI से बनी है और लोगों से कानूनी नतीजों से बचने के लिए इसे देखने, सेव करने या शेयर करने से बचने की अपील की है.
वीडियो की संदिग्ध शुरुआत
यह फुटेज, जिसे अक्सर “19 मिनट का वायरल वीडियो” या “19:34 MMS” जैसे शब्दों से लेबल किया जाता है, प्राइवेट कंटेंट लीक होने की अफवाहों के बीच सामने आया था, लेकिन पुलिस ने ट्रेंडिंग सवालों का फायदा उठाने के लिए एडिट किए गए “सीज़न 2” और “सीज़न 3” वेरिएंट के ज़रिए इसके बनावटी होने की बात साफ की. हरियाणा पुलिस साइबर सेल ऑफिसर अमित यादव ने siteengine.com का इस्तेमाल करके वेरिफिकेशन दिखाया, जो इमेज या वीडियो में AI मैनिपुलेशन का पता लगाने वाला एक टूल है, और इस बात पर ज़ोर दिया कि साइबर क्रिमिनल scam, fishing और malware डिस्ट्रीब्यूशन के लिए लोगों का फ़ायदा उठाते हैं. साइबर सेल ऑफिसर का कहना है कि किसी भी मेनस्ट्रीम न्यूज़ आउटलेट ने क्लिप को ऑथेंटिकेट नहीं किया है, और बेगुनाह महिलाओं को झूठे इल्ज़ाम लगाकर टारगेट किया गया है, जिसमें इन्फ्लुएंसर sweet_zannat भी शामिल हैं, जिन्होंने हैरेसमेंट के दौरान पब्लिकली इन्वॉल्वमेंट से इनकार किया था.
वीडियो शेयर करना लीगल रिस्क
ऐसे कंटेंट को शेयर करना भारत के मुख्य कानूनों का उल्लंघन है, जिसमें IPC सेक्शन 67, 67A (इलेक्ट्रॉनिकली अश्लील मटीरियल भेजना), और IT एक्ट सेक्शन 66 के तहत संभावित केस हो सकते हैं, जिसमें ₹2 लाख तक का फाइन या तीन साल तक की जेल हो सकती है. हरियाणा NCB साइबर सेल ने ज़ोर देकर कहा कि अनवेरिफाइड पर्सनल मीडिया के ज़रिए प्राइवेसी भंग करने पर तुरंत एक्शन लिया जाता है, क्योंकि ये AI फेक तेज़ी से दर्शकों को धोखा देते हैं और गलत जानकारी को बढ़ाते हैं. अधिकारी; लोगों और डिजिटल सेफ्टी दोनों को बचाने के लिए इंगेजमेंट से पहले सोर्स वेरिफाई करने की सलाह देते हैं.
साइबर क्राइम का बढ़ता खतरा
यह घटना भारत में AI-ड्रिवन डीपफेक के बढ़ते खतरे को दिखाती है, जिसमें लोग वायरल होक्स वॉयरिज्म का शिकार बन रहे हैं. पुलिस ट्रेंडिंग सर्च से जुड़े संदिग्ध लिंक से सावधान रहने की सलाह देती है, और बदलते साइबर खतरों के बीच डिजिटल लिटरेसी की ज़रूरत पर ज़ोर देती है. जैसे-जैसे क्लिप सर्कुलेट हो रही है, इसके प्रसार को रोकने और यूज़र्स को अनजाने कानूनी जाल से बचाने के लिए ऑफिशियल चेतावनियां जारी कर रहे हैं.