Copra MSP: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी ने 2026 सीज़न के लिए खोपरा के मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) को मंज़ूरी दे दी है. एक ऑफिशियल रिलीज़ के मुताबिक, किसानों को सही दाम देने के लिए, सरकार ने 2018-19 के यूनियन बजट में घोषणा की थी कि सभी ज़रूरी फसलों का MSP, पूरे भारत में प्रोडक्शन की औसत लागत का कम से कम 1.5 गुना तय किया जाएगा. रिलीज़ में कहा गया है, “2026 सीज़न के लिए मिलिंग खोपरा की फेयर एवरेज क्वालिटी का MSP 12,027 रुपये प्रति क्विंटल और बॉल खोपरा का 12,500 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है.”
अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी
राष्ट्रीय राजधानी में प्रेस वार्ता के दौरान, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “केंद्रीय कैबिनेट ने 2026 के लिए मिलिंग कोपरा के लिए 12,027 रुपये प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के लिए 12,500 रुपये प्रति क्विंटल के MSP को मंज़ूरी दी है. इसके लिए NAFED और NCCF नोडल एजेंसियां होंगी.”
129 प्रतिशत की बढ़ोतरी
2026 सीज़न के लिए MSP में पिछले सीज़न के मुकाबले मिलिंग कोपरा के लिए 445 रुपये प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के लिए 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. सरकार ने मार्केटिंग सीज़न 2014 के लिए मिलिंग कोपरा और बॉल कोपरा के लिए MSP को 5,250 रुपये प्रति क्विंटल और 5,500 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर मार्केटिंग सीज़न 2026 के लिए 12,027 रुपये प्रति क्विंटल और 12,500 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है, जिससे क्रम से 129 प्रतिशत और 127 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
#WATCH | Delhi | Union Minister Ashwini Vaishnaw says,” Union Cabinet has approved MSP of Rs 12,027 per quintal for milling copra and Rs 12,500 per quintal for ball copra for 2026. NAFED and NCCF will be the nodal agencies for this.” pic.twitter.com/cboJJgAeEu
— ANI (@ANI) December 12, 2025
नारियल उगाने वालों को मिलेगा बेहतर मुनाफ़ा
ज़्यादा MSP से न सिर्फ़ नारियल उगाने वालों को बेहतर मुनाफ़ा मिलेगा, बल्कि किसानों को देश और विदेश में नारियल प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए खोपरा का प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए भी बढ़ावा मिलेगा.
रिलीज़ में कहा गया है कि नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (NAFED) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन (NCCF) प्राइस सपोर्ट स्कीम (PSS) के तहत खोपरा खरीदने के लिए सेंट्रल नोडल एजेंसी (CNAs) के तौर पर काम करते रहेंगे.