Supreme Court: आज के समय में शादी का टूटना और तलाक लेना आम बात हो गई है. सेलिब्रिटी से लेकर आम लोगों तक सभी के लिए तलाक सामान्य हो गया है. तलाक के दौरान एलिमनी की मांग भी बढ़ गई है. एलिमनी के नाम पर महिलाओं को काफी ट्रॉल भी किया जाता है. हालांकि अब एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने लोगों को ट्रॉल करने नहीं बल्कि इमोशनल होने का मौका दिया है. साथ ही महिला की जमकर सराहना की.
बेंच ने बताया दुर्लभ मामला
सुप्रीम कोर्ट में एक मामला सामने आया, जिसने जज साहब को भी हैरान कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इसे बहुत दुर्लभ बताते हुए महिला के कदम की सराहना की. जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस KV विश्वनाथन की पीठ ने एक तलाक के मामले की सुनवाई की. इस दौरान पति-पत्नी ने तलाक लिया. तलाक के दौरान महिला ने पैसे और एलिमनी लेने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं महिला ने अपनी सास द्वारा दिए गए कंगन भी वापस कर दिए.
इस पर बेंच ने कहा कि तलाक के दौरान इस तरह का त्याग और सजगता कम ही देखने को मिलती है. बेंच ने आर्टिकल 142 के तहत शादी को रद्द करते हुए महिला को आगे बढ़ते हुए खुशहाल जीवन की शुभकामनाएं दीं.
आपसी सहमति से हुआ तलाक
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दर्ज किया कि दंपती ने आपसी सहमति से तलाक के लिए सहमति जताकर तलाक ले लिए. साथ ही सेटलमेंट की सभी शर्तों को मानने पर भी सहमति जताई। कोर्ट ने महिला द्वारा एलिमनी लेने से इनकार करने पर कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि ये सबसे दुर्लभ मामला है, जिसमें एक पत्नी ने अपने पति से कुछ भी नहीं मांगा.
समाज में मिसाल है ये मामला
ये फैसला केवल एक तलाक मामले का निपटारा नहीं है बल्कि सामाजिक नजरिए में भी एक मिसाल है. आज के समय में तलाक के मामलों में तनाव, आरोप-प्रत्यारोप और एलिमनी के नाम पर झगड़ों की तस्वीरें बनती हैं. ऐसे में महिला के इस कदम से साफ है कि तलाक के मामलों में भी सम्मानजनक ढंग से रिश्तों का अंत संभव है.