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मंदिर से घर लौटते हुए बिल्कुल भी ना बजाए घंटी, सारी पूजा-पाठ हो जाएगी व्यर्थ! जानें कारण

Puja-Path Niyam: मंदिर तो हर कोई जाता है, लेकिन अगर आपने मंदिर से लौटते वक्त ये बड़ी गलती कर दी तो, आपकी सारी पूजा-पाठ हो व्यर्थ हो सकती है, आइये जानते हैं यहां मंदिर से लौटते वक्त क्या गलती नहीं करनी चाहिए?

Written By: Chhaya Sharma
Last Updated: December 12, 2025 18:23:53 IST

Puja-Path Niyam: सनातन धर्म में पूजा-पाठ को सबसे जरूरी बताया है, क्योंकि पूजा करने से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है और साथ ही मन की शुद्धी होती है. इसलिए ज्यादातर लोग घर में भगवान की पूजा करते हैं, इसके अलावा कई लोग रोजाना मंदिर भी जाते है और पूरे विधि विधान से भगवान की पूजा करते हैं और अपनी मन चाही इच्छा भी मांगते हैं. हिंदू धर्म में पूजा-पाठ करने के लिए कई नियम भी बताए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है, जैसे मंदिर से घर लौटते हुए घंटी नही बिल्कुल भी नहीं बजानी चाहिए आइये जानते हैं इसका कारण

मंदिर से घर लौटते हुए बिल्कुल भी ना बजाए घंटी

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आप जब मंदिर जाएं, तो पूजा करने के बाद घर लौटते समय घंटी ना बजाए, ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता है. कहा जाता है ऐसा करने से व्यक्ति के पुण्य खत्म हो जाते हैं. लेकिन इसके पीछे क्या कारण है, आइये जानते हैं यहां

जब हम किसी मंदिर में जाते हैं, तो अंदर जाने से पहले द्वार पर एक बड़ी सी घंटी दिखाई देती है. जिसे बजाकर सब आगे बढ़ते हैं और भगवान के दर्शन करते हैं. लेकिन ये घंटी मंदिर में ऐसे ही नहीं लगाई जाती हैं, इसकी बेहद अहम भूमिका होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी शुभ कार्य की शुरूआत से पहले घंटी बजाई जाती है. क्योंकि घंटी की ध्वनि में ऊं का उच्चारण होता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है. इसके अलावा कहा जाता है कि भगवान को जगाने और बताने के लिए भक्त आए है, भगवान की मूर्तियों की चेतना को जागृत करने के लिए भी घंटी बजाई जाती है.

मंदिर में है घंटी का अहम रोल 

लेकिन इस बात का जरूर ध्यान रखें की घंटी को कभी भी मंदिर से लौटते समय नहीं बजाना चाहिए. क्योंकि जब हम मंदिर के अंदर जाते हैं, तो हमारे मन में मौजूद अच्छे-बुरे विचार भी हमारे साथ प्रवेश करते हैं, लेकिन जैसे ही हम मंदिर की घंटी बजाते हैं, तब उससे निकलने वाली तरंगे हमारे अंदर की नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देती हैं. इसलिए

इसलिए नहीं बजानी चाहिए मंदिर से वापस आते हुए घंटी

जब हम देवी-देवताओं की पूजा और दर्शन करते हैं तो हमारे भाव शुद्ध होते है और सकारात्मकता का प्रवेश होता है, लेकिन जब हम मंदिर से दर्शन कर लौटते हैं और घंटी बजाते हैं तो इससे हमारे अंदर की सकारात्मकता भ्रमित होकर नष्ट हो जाती है औ मंदिर से बाहर आते समय हमारा मुंह भी बाहर की तरफ होता है तो ऐसे में जो बाहर की नकारात्मक ऊर्जांए है वो अंदर प्रवेश कर जाती है और जो भी पुण्य किए होते है, वो भी उसकी के साथ खत्म हो जाते हैं. इसलिए मंदिर से वापस लौटते हुए गलती से भीघंटी नहीं बजानी चाहिए.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. India News इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

 

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