84 Thousand Prada Kohlapuri: इटली और दुनिया की सबसे लग्जरी फैशन कंपनी प्राडा (Prada) ने महाराष्ट्र के लिडकॉम (LIDCOM) और कर्नाटक के लिडकार (LIDKAR) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर अब हस्ताक्षर कर दिए है, ताकि इस साझेदारी का उद्देश्य कोल्हापुरी कारीगरों की पारंपरिक कला को प्राडा की मॉडर्न डिज़ाइन के साथ मिलाकर एक नई और प्रीमियम सैंडल लाइन को बनाने की कोशिश करना है.
कितनी है कीमत और कहां तक है पहुंच?
जानकारी के मुताबिक, यह नया कोल्हापुरी कलेक्शन फरवरी अगले साल 2026 से दुनिया भर के 40 प्राडा स्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर देखने को मिलेगा. इन चप्पलों की अनुमानित कीमत लगभग 930 डॉलर यानी करीब 84 हजार रुपये प्रति जोड़ी हो सकती है. लेकिन, इसकी कीमत एक आम भारतीय के कपड़ों और जूतों पर होने वाले सालाना खर्च की तुलना में बहुत ज्यादा ही है, जिसे खरीदना इतना भी आसान नहीं होगा.
आम भारतीय के सालाना खर्च से है ज्यादा
केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय के हाउसहोल्ड कंजम्पशन एक्सपेंडिचर सर्वे (HCES) 2023–24 के आँकड़ों के मुताबिक और एक सर्वे के अनुसार, एक प्राडा कोल्हापुरी 84 हजार रुपये की कीमत एक औसत भारतीय के सालाना फुटवियर खर्च 557 रुपये से 151 गुना ज्यादा है, और यहाँ तक कि सबसे अमीर टॉप 5 प्रतिशत घरों का फुटवियर पर औसत खर्च भी 1 हजार 139 ही है.
क्या है सबसे ज्यादा बिकने वाले आइटम
तो वहीं, HCES के आंकड़े बताते हैं कि भारतीय बाजार में आज भी जरूरत की चीजें सबसे ज्यादा खरीदी जाती है, जैसे कि सालभर में 90 प्रतिशत से ज्यादा घरों ने मोजे और रबर या PVC चप्पलों की ज्यादा खरीदारी की जाती है. इसके अलावा 100 में से सिर्फ 2 घरों ने ही वेस्टर्न सूट खरीदा, और 1 प्रतिशत से भी कम घरों ने सेकंड-हैंड कपड़े या फुटवियर खरीदारी देखने को मिली है.
विवाद और साझेदारी बन सकती है बड़ी चुनौती
तो वहीं, प्राडा ने इस साझेदारी के लिए महत्वपूर्ण कदम तब उठाते हुए हाल ही में मिलान फैशन शो में कोल्हापुरी जैसी चप्पलों को प्रदर्शित करने पर उन्हें बहुत बड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था. इसके अलावा विवाद के बाद, कंपनी ने अपने डिज़ाइन को भारतीय शैली से प्रेरित बताया और अब आधिकारिक तौर पर भारतीय कारीगरों के साथ साझेदारी देखने को मिली है.