Personal Loan Prepayment Penalty: आज के समय में लोन लेना बेहद आसान हो गया है. चाहे वह कार लोन हो, होम लोन हो या पर्सनल लोन। हालांकि, लोन लेने वालों को इसे समय पर चुकाना भी पड़ता है. इसके लिए हर महीने ईएमआई (EMI) देनी होती है। तय तारीख पर आपके बैंक अकाउंट से ईएमआई की रकम अपने आप कट जाती है.
कई बार लोगों के पास अचानक एक बड़ी राशि आ जाती है, ऐसे में वे लोन को जल्दी खत्म करने के लिए एकमुश्त प्री-पेमेंट करना चाहते हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पर्सनल लोन का प्री-पेमेंट करने पर बैंक उस पर पेनल्टी वसूलते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप पूरा पैसा एक साथ चुका देते हैं, तो फिर जुर्माना क्यों लिया जाता है? आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह…
आपकी नजरों में सही, लेकिन बैंक की नजरों में गलत क्यों?
जब आप लोन की प्री-पेमेंट करके उसे तय समय से पहले चुका देते हैं, तो आपको लगता है कि आपने एक बड़ी जिम्मेदारी खत्म कर दी है और यह एक सही फैसला है. लेकिन बैंक की नजर से देखा जाए, तो इससे उन्हें सीधा नुकसान होता है. दरअसल, बैंक लोन का ब्याज पूरे टेन्योर के हिसाब से कैलकुलेट करता है और ईएमआई भी उसी आधार पर तय की जाती है. यदि आप बीच में ही लोन खत्म कर देते हैं, तो बैंक वह ब्याज नहीं कमा पाता, जो उसे पूरे टेन्योर में मिलना था.
लोन लेते समय ध्यान से पढ़ें नियम और शर्तें
जैसा कि आप जानते हैं, बैंक की असली कमाई ब्याज से ही होती है. ऐसे में यह नुकसान उनकी आमदनी पर सीधा असर डालता है. इसी कारण बैंक प्री-पेमेंट की राशि पर एक निश्चित शुल्क (पेनल्टी) वसूलते हैं। इसलिए लोन लेने से पहले उनके नियम और शर्तों को ध्यान से पढ़ना बेहद जरूरी होता है.
हर प्रीपेमेंट पर नहीं लगती पेनेल्टी
हालांकि, हर तरह के लोन पर प्री-पेमेंट चार्ज नहीं लगाया जाता. अगर आपका होम लोन फिक्स्ड रेट पर है, तो उसे समय से पहले चुकाने पर बैंक पेनल्टी ले सकता है. लेकिन फ्लोटिंग रेट वाले होम लोन पर आरबीआई के नियमों के अनुसार कोई भी प्री-पेमेंट चार्ज नहीं लगता.
वहीं, पर्सनल लोन के मामलों में ज्यादातर बैंक प्री-पेमेंट चार्ज लेते हैं, लेकिन यह चार्ज हर बैंक की पॉलिसी के अनुसार अलग-अलग हो सकता है. इसलिए पर्सनल लोन लेने से पहले उसकी सभी शर्तों को ध्यान से पढ़ना बेहद जरूरी है.