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Tulsi Mala: तुलसी माला को भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का पवित्र प्रतीक माना जाता है. ये केवल माला नहीं है बल्कि आचरण, साधना और मानसिक शुद्धि से जुड़ी एक जीवनशैली का प्रतीक है. तुलसी माला को भगवान विष्णु और कृष्ण के प्रति भक्ति, आध्यातमिक शुद्धता और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा के लिए पहनी जाती है. माना जाता है कि तुलसी माला मन को शांत करती है, एकाग्रता बढ़ाती है. साथ ही ईश्वर से जुड़ाव महसूस कराती है. तुलसी माला आध्यात्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी फायदेमंद है.
तुलसी माला पहनने के नियम
- तुलसी माला सोमवार, बुधवार, गुरुवार और प्रदोष काल के दौरान पहनना शुभ माना जाता है.
- इसे पहनने के बाद मांस-मदिरा का सेवन करना वर्जित है.
- तुलसी माला पहनने वालों को लहसुन-प्याज से भी दूर रहना चाहिए.
- तुलसी माला पहनने वालों को हमेशा शुद्ध और सात्विक रहना चाहिए.
- इसे बार-बार नहीं उतारना चाहिए. साथ ही अशुद्ध जगहों पर नहीं पहनना चाहिए.
- इसे रुद्राक्ष के साथ नहीं पहनना चाहिए.
- अगर तुलसी माला टूट जाती है, तो उसे जल में प्रवाहित करना चाहिए.
तुलसी माला पहनने के आध्यात्मिक लाभ
- तुलसी माला भगवान विष्णु और कृष्ण के प्रति भक्ति के रूप में पहनी जाती है. इसे पहनने से दुव्य जुड़ाव होता है और भक्ति बढ़त है.
- तुलसी माला पहनने से मन शांत रहता है और तनाव भी कम होता है. साथ ही आंतरिक शांति का अनुभव होता है.
- तुलसी माला पहनने से ध्यान और तप के दौरान एकाग्रता बढ़ती है.
- मान्यता है कि तुलसी माला नकारात्मक ऊर्जा, बुरे प्रभावों और मानसिक हमलों से बचाती है.
- साथ ही तुलसी माला पहनने वाला व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से शुद्ध होता है और उसकी ओर सात्विक ऊर्जा आकर्षित होती है.
तुलसी माला पहनने के वैज्ञानिक लाभ
- तुलसी की लकड़ी से विद्युत तरंगें निकलती हैं, जो रक्त संचार को बेहतर करती हैं.
- तुलसी माला में विशेष द्रव्य पाए जाते हैं, जो मानसिक तनाव को कम कर उत्साह बढ़ाता है.
- तुलसी माला गले में पहनने से गले के एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर दबाव पड़ता है. इससे मानसिक तनाव और स्वास्थ्य में सुधार होता है.
- कहा जाता है कि तुलसी माला कफ और वात दोष को दूर करने में मदद करती है और शारीरिक संतुलन बनाए रखती है.
- ये बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद करती है.
- ये मस्तिष्क कार्यों में सुधार करती है.
- साथ ही कोलेस्ट्रॉल व ब्लड प्रेशर को कम करने में भी मददगार होती है.