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श्रीमती अजन्ता की पुस्तक ‘मेरी माँ मेरी नज़र से’ का विमोचन, बेटी की कलम से माँ को नमन

Written By: Indianews Webdesk
Last Updated: December 16, 2025 16:19:05 IST

लेखिका श्रीमती अजन्ता

गाज़ियाबाद (उत्तर प्रदेश), दिसंबर 16: रविवार, 14 दिसंबर, को CISF  मेस, इंदिरापुरम में एक भावुक और स्मरणीय क्षण तब साकार हुआ, जब लेखिका श्रीमती अजन्ता द्वारा लिखित पुस्तक मेरी माँ, मेरी नज़र से” का भव्य विमोचन किया गया। यह पुस्तक केवल एक साहित्यिक कृति नहीं, बल्कि एक बेटी की ओर से अपनी माँ के प्रति श्रद्धा, कृतज्ञता और सम्मान का सजीव दस्तावेज़ है।

इस अवसर पर लेखिका ने साझा किया कि यह पुस्तक उनकी माँ श्रीमती ज्ञान कुमारी अजीत से मिली जीवनभर की प्रेरणा का परिणाम है। श्रीमती अजीत एक ऐसी शिक्षाविद् रही हैं जिन्होंने अपने कर्म, संस्कार और समर्पण से न केवल शिक्षा जगत बल्कि समाज को भी दिशा दी। यह पुस्तक माँ को देखने का वही दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है, जो केवल एक बेटी की आँखें और उसका हृदय ही महसूस कर सकता है।

श्रीमती ज्ञान कुमारी अजीत भारत स्काउट एंड गाइड हायर सेकेंडरी स्कूल के लड़कों के विद्यालय में प्रदेश की प्रथम महिला प्रधानाचार्या रही हैं। शिक्षा और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में उनके असाधारण योगदान के लिए उन्हें अनेक राष्ट्रीय सम्मानों से अलंकृत किया गया। इनमें तत्कालीन राष्ट्रपति श्री ज्ञानी ज़ैल सिंह द्वारा प्रदान किया गया नेशनल टीचर्स अवॉर्ड तथा पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम द्वारा प्रदान किया गया स्काउट एंड गाइड का सिल्वर स्टार अवॉर्ड विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।

शिक्षण के दायित्वों से आगे बढ़कर श्रीमती ज्ञान कुमारी अजीत ने लेखन, सांस्कृतिक एवं सामाजिक गतिविधियों तथा थियोसोफिकल सोसाइटी के कार्यों में भी सक्रिय और प्रभावशाली भूमिका निभाई। उनके व्यक्तित्व की सरलता, मूल्यों की दृढ़ता और जीवन के प्रति उनकी दृष्टि को इस पुस्तक में अत्यंत संवेदनशीलता के साथ उकेरा गया है।

विमोचन समारोह में परिवार के सदस्य, शुभचिंतक, शिक्षाविद् और उनके अनेक पूर्व विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने इस पुस्तक को एक ऐसी कृति बताया, जो पीढ़ियों के बीच सेतु का कार्य करती है और यह याद दिलाती है कि सच्ची विरासत पदों या पुरस्कारों से नहीं, बल्कि जीवन मूल्यों से बनती है।

वर्तमान में श्रीमती ज्ञान कुमारी अजीत अपने बेटे, बेटी, नाती-पोते एवं परपोते-परपोतियों के साथ नोएडा में निवास कर रही हैं।

मेरी माँ, मेरी नज़र से” एक बेटी की भावनात्मक अभिव्यक्ति है, जो माँ को केवल एक शिक्षिका या समाजसेवी के रूप में नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक, संस्कारदाता और प्रेरणास्रोत के रूप में प्रस्तुत करती है। यह पुस्तक शिक्षा, समर्पण और मानवीय मूल्यों में विश्वास रखने वाले हर पाठक को आत्ममंथन के लिए प्रेरित करती है।

(The article has been published through a syndicated feed. Except for the headline, the content has been published verbatim. Liability lies with original publisher.)

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