Delhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदूषण के कारण लोगों को सलाह दी जाती है कि अगर जरूरी न हो, तो वे अपने घर से न निकलें. हालांकि जो लोग नौकरी-पेशा वाले हैं और काम करते हैं, उन्हें मजबूरन घर से बाहर निकलना पड़ता है. इसके कारण लोगों को काफी शारीरिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने सरकारी-निजी हर दफ्तर में 50 फीसदी वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य कर दिया है.
रजिस्टर्ड कंस्ट्रक्शन मजदूरों को मिलेगा मुआवजा
ग्रेप-3 नियमों के तहत निर्माण कार्यों पर भी रोक लगा दी गई है. ऐसे में दिहाड़ी और कंस्ट्रक्शन मजदूरों को परेशानी हो गई है. इन लोगों को राहत देते हुए दिल्ली सरकार ने प्रभावित रजिस्टर्ड कंस्ट्रक्शन मजदूरों को 10 हजार रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है.
पॉल्यूशन को देखते हुए दिल्ली सरकार के दो बड़े निर्णय :
1. निर्माण कार्य रुकने से प्रभावित सभी रजिस्टर्ड और वेरिफाइड निर्माण मजदूरों के खातों में ₹ 10,000 DBT होंगे
2. दिल्ली के सभी सरकारी व प्राइवेट दफ्तरों में 50% वर्क फ्रॉम होम मैंडेटरी, स्वास्थ्य जैसी आवश्यक सेवाओं के लिए… pic.twitter.com/Lh3DNeItdt
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) December 17, 2025
दिल्ली कैबिनट के मंत्री कपिल मिश्रा ने ऐलान किया है कि दिल्ली के सभी सरकारी और निजी संस्थानों में 50 प्रतिशत वर्क फ्रॉम होम करना अनिवार्य होगा. श्रम विभाग ने फैसला लिया है कि ग्रेप-3 के दौरान 16 दिन निर्माण कार्य बंद रहने के कारण इससे प्रभावित जिस्टर्ड कंस्ट्रक्शन मजदूरों को 10 हजार रुपए मुआवजा दिया जाएगा. दिल्ली सरकार सीधे उनके खाते में 10,000 रुपए का मुआवजा देगी.
ग्रैप-4 खत्म होने के बाद मिलेगी राहत
उन्होंने कहा कि ग्रैप-4 खत्म होने के बाद भी इसी आधार पर राहत दी जाएगी. वहीं जो संस्थान इन नियमों का पालन नहीं करेंगे, उन संस्थानों पर जुर्माना लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार के इश कदम से दिल्ली में प्रदूषण से काफी राहत मिलने की उम्मीद है.
बहुत खराब श्रेणी में एक्यूआई
बता दें कि दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स बुधवार को 329 पर रहा, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है. इससे पहले तीन दिनों तक वायु गुणवत्ता में कुछ हद तक सुधार हुआ. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली भर के सभी मॉनिटरिंग स्टेशनों पर सुबह 7 बजे AQI गंभीर रेंज से नीचे दर्ज किया गया. हालांकि कुछ इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ जोन में भी रिकॉर्ड किया गया.