संसद से सामने आई दिलचस्प तस्वीरें, जब दीपेंद्र हुड्डा, चिराग पासवान और प्रियंका चतुर्वेदी आए एक ही फ्रेम में साथ, देख आप भी कहेंगे ये क्या नजारा!
चिराग पासवान और दीपेंद्र हुड्डा ने गर्मजोशी से मिलाया हाथ
बुधवार को संसद परिसर में एक अजीब संयोग हुआ. दीपेंद्र हुड्डा और चिराग पासवान चलते-चलते एक-दूसरे से टकरा गए. वे रुके और गर्मजोशी से हाथ मिलाया। तभी प्रियंका चतुर्वेदी भी आ गईं. हुड्डा ने अपनी जेब से मोबाइल फोन निकाला और प्रियंका को कुछ दिखाने लगे.
चिराग पासवान, प्रियंका चतुर्वेदी और दीपेंद्र हुड्डा फोन में देख रहें
चिराग पासवान की नज़रें भी उसी स्क्रीन पर टिक गईं. प्रियंका चतुर्वेदी मोबाइल फोन पर कुछ नेविगेट या स्क्रॉल करती हुई दिखीं. तस्वीरों में तीनों नेता पूरी तरह से मोबाइल फोन देखने में मशगूल थे। यह 'कैंडिड मोमेंट' कैमरे में कैद हो गया। राजनीतिक दुश्मनी को भुलाकर इन तीनों नेताओं के बीच की यह केमिस्ट्री चर्चा का विषय बन गई है.
संसद में 'निरसन और संशोधन विधेयक, 2025' हुआ पारित
मोबाइल फोन की वायरल तस्वीर के अलावा, सदन के अंदर एक महत्वपूर्ण घटना हुई. संसद ने 'निरसन और संशोधन विधेयक, 2025' को मंज़ूरी दे दी. इसके तहत 71 पुराने और अप्रचलित कानूनों को खत्म या संशोधित किया जाएगा. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यह गुलामी के अवशेषों को मिटाने की एक कवायद है. 2014 से मोदी सरकार ने 1,577 पुराने कानूनों को खत्म किया है. अब, कानूनों में 'रजिस्टर्ड पोस्ट' शब्द को 'स्पीड पोस्ट' से बदल दिया जाएगा. मेघवाल ने साफ कहा कि मोदी के शासन में भेदभावपूर्ण कानून किताबों में नहीं रह सकते.
सरकार ने हिंदू-मुस्लिम भेदभाव वाले विरासत कानून के खिलाफ बड़ा कदम उठाया
कानून मंत्री ने 1925 के भारतीय उत्तराधिकार अधिनियम को औपनिवेशिक बताया. उन्होंने कहा कि यह धर्म के आधार पर भेदभाव करता है. कलकत्ता, मद्रास और बॉम्बे प्रेसीडेंसी में, हिंदुओं, सिखों, जैनों और बौद्धों को वसीयत के लिए 'प्रोबेट' (प्रशासन पत्र) लेना पड़ता था, जबकि मुसलमानों को नहीं. सरकार ने इस भेदभावपूर्ण प्रावधान को हटा दिया है. इसके अलावा, आपदा प्रबंधन अधिनियम में भी संशोधन किया गया है. 'रोकथाम' शब्द का गलत इस्तेमाल किया गया था और अब इसे बदलकर 'तैयारी' किया जा रहा है.
सोनिया और राहुल को राहत मिलने के बाद कांग्रेस का जोरदार विरोध प्रदर्शन
संसद के बाहर कांग्रेस का गुस्सा फूट पड़ा. दिल्ली की एक अदालत ने नेशनल हेराल्ड मामले में ED की चार्जशीट स्वीकार करने से इनकार कर दिया. इसके बाद, कांग्रेस सांसदों ने मकर द्वार पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. 'सत्यमेव जयते' लिखा एक बड़ा बैनर लेकर, सांसदों ने पीएम मोदी से माफी और इस्तीफे की मांग की. उन्होंने जोर-जोर से नारे लगाए. अदालत ने कहा कि ED का आरोप किसी FIR पर नहीं, बल्कि एक निजी व्यक्ति की शिकायत पर आधारित था. कांग्रेस ने इसे एक बड़ी जीत बताया. इस हंगामे के बीच, संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों पार्टियों के नेताओं की मुस्कुराते हुए एक तस्वीर वायरल हो गई.