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डिजिटल ताकत दिखाने को भारत तैयार, चीन को चुनौती देने प्राइवेट-पब्लिक सेक्टर आए साथ

India Technology Strategy: टेक्नोलॉजी के जरिए भारत अब चीन के दबदबे को चुनौती देने की रणनीति पर तेज़ी से काम कर रहा है. इस पहल के लिए अब सरकार और प्राइवेट सेक्टर मिलकर देश के अंदर एक मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए सहयोग कर रहे हैं.

Written By: shristi S
Last Updated: December 19, 2025 17:38:06 IST

India vs China Technology Race: भारत अब टेक्नोलॉजी के जरिए चीन के दबदबे को चुनौती देने की रणनीति पर तेज़ी से काम कर रहा है. सरकार और प्राइवेट सेक्टर मिलकर देश के अंदर एक मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए सहयोग कर रहे हैं, ताकि यह पक्का हो सके कि भारतीय कंपनियों का डेटा भारत की सीमाओं के अंदर पूरी तरह से सुरक्षित रहे. मकसद साफ है, विदेशी सर्वर और सॉफ्टवेयर पर निर्भरता खत्म करना और भारत को एक डिजिटल पावरहाउस में बदलना.

भारत का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर कैसे बदलेगा?

इस डिजिटल मिशन का सबसे बड़ा फ़ायदा यह दावा है कि इससे साइबर फ्रॉड और डेटा लीक जैसी समस्याएं लगभग खत्म हो जाएंगी. स्टार्टअप, मेक इन इंडिया कंपनियां और बड़े बिजनेस ग्रुप अब बिना किसी डर के अपना सेंसिटिव डेटा भारत में स्टोर कर पाएंगे. इससे न सिर्फ़ भरोसा बढ़ेगा, बल्कि देश की डिजिटल संप्रभुता भी मजबूत होगी.

इस मेगा प्लान के तहत, कंपनियों और यूज़र्स के लिए एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म बनाया जा रहा है, जहां डेटा स्टोरेज, ट्रांज़ैक्शन और एनालिटिक्स सभी एक ही सिस्टम में इंटीग्रेट होंगे. इसका फ़ायदा यह होगा कि अलग-अलग विदेशी ऐप्स और टूल्स पर निर्भरता कम हो जाएगी. डेटा लोकल रहने से, कानूनी कंट्रोल भी भारत के पास रहेगा.

ताइवान से लौटे एक IITian की अहम भूमिका

ताइवान से भारत लौटे एक IITian, ​​अभिषेक सक्सेना को इस पूरे मिशन में एक अहम भूमिका निभाते हुए माना जा रहा है. वह एक ऐसे टेक प्लेटफ़ॉर्म पर काम कर रहे हैं जो देश की डिजिटल क्षमताओं को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकता है. इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत विज़न के साथ जुड़ा हुआ देखा जा रहा है.

आम लोगों और कंपनियों को क्या फ़ायदे मिलेंगे?

यह प्लेटफ़ॉर्म सिर्फ़ बड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं रहेगा. आम लोग भी अपने रोज़ाना के खर्च, बचत, ट्रांज़ैक्शन और अकाउंट्स को एक ही डिजिटल सिस्टम पर आसानी से मैनेज कर पाएंगे. दावा किया जा रहा है कि यह सिस्टम इतना सुरक्षित होगा कि साइबर फ्रॉड करना बहुत मुश्किल हो जाएगा.

2047 के लक्ष्य की ओर एक डिजिटल कदम

इस पहल को पीएम मोदी के 2047 मिशन से जोड़ा जा रहा है, जिसका मकसद भारत को आर्थिक और तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाना है. कंपनियों को वैश्विक स्तर पर मज़बूत करने के लिए एक सुरक्षित डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म देना और आम नागरिकों को भरोसेमंद डिजिटल सेवाएँ देना इस मिशन की रीढ़ है. आने वाले दिनों में, अभिषेक सक्सेना खुद इस पूरे सिस्टम का डेमो देंगे, जिससे यह साफ़ हो जाएगा कि इस डिजिटल मिशन में टेक्नोलॉजी की दौड़ में भारत को चीन के बराबर या उससे आगे ले जाने की कितनी क्षमता है.

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