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Biker Dadi: अहमदाबाद की सड़कों पर घूमती हैं बाइकर दादी, शोले के जय-वीरू की तरह हो रहीं वायरल

इन दिनों सोशल मीडिा पर बाइकर दादी की जोडड़ी वायरल हो रही है. इन्हें देखकर लगता है कि शौक के आगे उम्र कोई चीज नहीं होती.

Written By: Deepika Pandey
Last Updated: 2025-12-20 15:01:57

Viral Biker Dadi: कुछ लोगों को देखकर लगता है कि उम्र बस एक नंबर है. उम्र भले ही जीवन की रफ्तार को धीमा करती है लेकिन अगर मन में जीने का जुनून हो, तो सब चंगा है. इसका ही एक उदाहरण हैं गुजरात के अहमदाबाद की ‘बाइकर दादी’ 87 वर्षीय मंदाकिनी शाह ने पूरे देश का दिल जीत लिया. वे अकसर अहमदाबाद की गलियों में अपनी 84 वर्षीय बहन उषाबेन के साथ शोले के जय-वीरू के अंदाज में नजर आती हैं.  

जय वीरू की तरह साइड स्कूटर लगाकर स्कूटी चलाती है दादी

इन दिनों को उनकी वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है. वे शोले के जय-वीरू की तरह स्कूटर में साइडकार लगाकर चलती हैं. वे ‘उम्र सिर्फ एक नंबर है’ के संदेश के साथ जीवन जीने का जुनून दिखाती हैं. इतना ही नहीं ने दूसरे बुजुर्गों को भी प्रेरित करती हैं. हाल ही में मंदाकिनी ने एक इंटरव्यू में बात करते हुए कहा था कि उन्हें अपनी बहन के साथ स्कूटर पर घूमना बहुत पसंद है. 

मां को देखकर मिली आत्मनिर्भर बनने की सीख

उन्होंने बताया कि घर में सबसे बड़ा होने के कारण बचपन से ही जिम्मेदारियां संभालनी पड़ीं. पिता स्वतंत्रता सेनानी थे और आजादी के बाद अपना कारोबार शुरू करना चाहते थे. हालांकि घर की आर्थिक तंगी देखते हुए वे ऐसा नहीं कर पाए. उनकी मां रोजाना मेहनत करती थीं, जिसे देखकर मंदाकिनी को आत्मनिर्भर होने और खुद के पैरों पर खड़े होने का महत्व पता चला. तब उन्होंने अपने पैरों पर खड़ा होने का प्रण लिया. उन्होंने स्कूल खत्म करते ही काम करना शुरू कर दिया था और वे कॉलेज नहीं जा सकीं. 

स्कूल से शुरुआत और सामाजिक कल्याण की पहल

16 साल की उम्र में उन्होंने एक बाल मंदिर मोंटेसरी स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया. उन्हें कई इंग्लिश शब्द समझ में नहीं आते थे. इसके बावजूद मैंने सीखना और सिखाना जारी रखा. बाद में वे सामाजिक कल्याण परिोजनााओं से जुड़ीं. महिला मंडलों से मिलना, पंचायत चर्चाओं में भाग लेना, महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में बताना, उनका रोजमर्रा का काम बन गया था. धूल भरी सड़कों की यात्राओं और अंतहीन चाय की बैठकों के बीच उन्होंने स्कूटर चलाना सीखा. इसके बाद उन्होंने मोपेड खरीदी और फिर जीप. आखिरी में उन्होंने एक सेकेंड हैंड स्कूटर खरीदा. 

लाइफ एंजॉय करती हैं बाइकर दादियां

उन्होंने बताया कि उन्हें इस दौरान कई दिक्कतें भी आईं, जिनका उन्होंने डटकर सामना किया. उन्होंने बताया कि लोग पूछते हैं कि मैं इस उम्र में स्कूटर क्यों चलाती हूं, तो मैं मुस्कुरा देती हूं और सोचती हूं कि मेरे चेहरे पर हवा का स्पर्श आज भी मुझे ये महसूस करवाता है कि मैं 16 साल की हूं. उन्होंने बताया कि वे रोजाना अपने दोस्तों से मिलती हैं. खेल खेलती हैं, गाने गाती हैं और जिंदगी एंजॉय करती हैं.

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