Delhi Water Crisis: देश की राजधानी होने के बावजूद दिल्ली में पानी का संकट सालभर बना रहता है. गर्मियों में अच्छी खासी पानी की दिक्कत हो जाती है. कई बार दिल्ली वाले पानी की दिक्कत हो लेकर प्रदर्शन तक करते हैं. कई दफा तो पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से भी समूची दिल्ली में जल संकट की स्थिति बन जाती है. यमुना की अमोनिया की मात्रा बढ़ने दिल्ली में पानी का संकट एक गंभीर और लगातार बनी रहने वाली समस्या है. इस बीच शनिवार (20 दिसंबर, 2025) के बाद दिल्ली में रविवार (21 दिसंबर, 2025) को भी जल संकट की समस्या कायम है.
दिल्ली जल बोर्ड ने जारी की है एडवाइजरी
दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) ने इसके लिए पहले ही एडवाइजरी जारी कर दी थी. बोर्ड ने जल संकट को लेकर असुविधा के लिए खेद भी व्यक्त किया है. इसके साथ ही इमरजेंसी की स्थिति में वाटर टैंक की भी व्यवस्था की है. DJB के मुताबक, 20 दिसंबर 2025 बना जल संकट 21 दिसंबर 2025 को भी दिल्ली के कई इलाकों में बरकरार है. इस दौरान दिल्ली के कई इलाकों में पानी की सप्लाई पूरी तरह बंद है या फिर कम दबाव के साथ पानी उपलब्ध है.
क्यों हो रही पानी की दिक्कत?
दिल्ली जल बोर्ड (Delhi Jal Board) का कहना है कि पालम मुख्य पाइपलाइन में नंगल फ्लाईओवर के नीचे 1000 मिमी व्यास की इंटरकनेक्शन का काम चल रहा है. इसके चलते 20 दिसंबर के साथ-साथ 21 दिसंबर, 2025 को भी पानी की दिक्कत रहेगी. ये सभी पालम जलाशय के कमांड क्षेत्र में आते हैं. सफदरजंग अस्पताल के आसपास इलाके में भी जल संकट प्रभावित इलाकों में आते हैं.
देखें लिस्ट
- दिल्ली कैंट (एमईएस)
- सागरपुर
- डाबड़ी
- दुर्गा पार्क
- एनडीएमसी क्षेत्र
- आर.के. पुरम
- मोती बाग
- नानक पुरा
- वसंत विहार
- वसंत एन्क्लेव
- शांति निकेतन
- वेस्टएंड कॉलोनी
- एम्स
- सफदरजंग अस्पताल
टैंकर के लिए हेल्पलाइन नंबर
दिल्ली जल बोर्ड ने इमरजेंसी की स्थिति में पानी की जरूरत पड़ने पर टैंकर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की है. जरूरतमंद लोग संबंधित वॉटर इमरजेंसी कंट्रोल रूम में फोन करके टैंकर मंगा सकते हैं.
आर.के. पुरम : 26193218
ग्रेटर कैलाश : 29234746/29234747
वसंत विहार : 47688915/47688914/47688905/18001037232
पश्चिम विहार : 25281197
डी-ब्लॉक जनकपुरी : 28521123
वसंत कुंज : 26137216.
सामान्य वॉटर इमरजेंसी नंबर :1916
क्यों बार- बार होता है जलसंकट
यहां पर बता दें कि यमुना नदी के जलस्तर में गिरावट और पड़ोसी राज्यों (यूपी-हरियाणा) से कम पानी मिलने के चलते भी पानी की दिक्कत होती है. कई बार भूजल का अत्यधिक दोहन और बुनियादी ढांचे की कमी से भी पानी की किल्लत होती है. पानी की किल्लत ज्यादातर बस्तियों में और अनधिकृत इलाकों में होती है.