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Brown vs White Rice: ब्राउन या व्हाइट राइस, कौन से चावल भारतीयों के लिए फायदेमंद, क्या है फर्क?

अगर आप चावल खाने के शौकीन हैं, तो आपको ये जानना जरूरी है कि आखिर सफेद और ब्राउन राइस में से फादेमंद क्या है? यहां हम दोनों का कंपैरिजन कर रहे हैं.

Written By: Deepika Pandey
Last Updated: December 21, 2025 16:01:21 IST

Brown vs White Rice: चावल दुनिया भर में खाया जाने वाले प्रमुख भोजन में से एक है. ये कई रंगों में मिलता है. हालांकि अकसर सफेद और ब्राउन राइस के बारे में बात की जाती है. किसी का मानना है कि व्हाइट राइस फायदेमंद है, तो कोई कहता है कि बाउन राइस, हालांकि व्हाइट राइस की तुलना में ब्राउन राइस हेल्दी बताया जाता है. इसके बावजूद भी व्हाइट राइस ही ज्यादा खाया जाता है. तो आइए जानते हैं कि स्वास्थ्य के लिए कौन सा राइस बेहतर है. आइए जानते हैं कि दोनों चावल कैसे बनाए जाते हैं? उनका पोषण मूल्य, ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या है और वे आपके स्वास्थ्य पर क्या असर डालते हैं? 

ब्राउन राइस और व्हाइट राइस में अंतर

ब्राउन राइस एक साबुत अनाज है, जिसमें चावल के तीनों हिस्से होते हैं. इसमें बाहरी परत चोकर होता है, जिसमे, विटामिन, फाइबर और खनिज होते हैं. इसके बीच के हिस्से मे कार्बोहाइड्रेट और भीतरी हिस्से में हेल्दी फैट, विटामिन और खनिज पाए जाते हैं. इससे केवल स्टार्च वाला एंडोस्पर्म बच जाता है. वहीं सफेद चावल में भूरे चावल के मुकाबले कम पोषक तत्व होते हैं. वहीं सफेद चावल जल्दी पक जाते हैं और भूरे चावलों को पकने में ज्यादा समय लगता है. 

ब्राउन राइस या व्हाइट राइस, कौन ज्यादा फायदेमंद?

ब्राउन राइस में व्हाइट राइस के मुकाबले ज्यादा पोषक तत्व होते हैं. ब्राउन राइस में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन में मदद करता है और कब्ज को रोकता है.  इसमें मैग्नीशियम पाया जाता है, जो हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करता है. इसमें पाया जाने वाला पोटैशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है. साथ ही ये आयरन का भी अच्छा स्रोत है, जो शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है. इसके अलावा ब्राउन राइस में विटामिन (B1, B3, B6, B9)भी पाया जाता है. 

वहीं व्हाइट राइस में फाइबर कम पाया जाता है, जिससे ये आसानी से पच जाता है. ये इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) या इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज जैसी पाचन समस्या से परेशान लोगों के लिए बेहतर हो सकता है. 

ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या है और इसके नजरिए से कौन बेहतर

बता दें कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स से पता चलता है कि क्या खाने से ब्लड शुगर कितनी तेजी से बढ़ता है. ब्राउन राइस में लगभग GI 68 ± 4 होता है, जो मध्यम स्तर है. वही व्हाइट राइस में लगभग 73 ± 4 GI होता है, जो उच्च स्तर होता है. ऐसे में डायबिटीज के पेशेंट्स को सफेद चावल खाने से बचना चाहिए. सफेद चावल ज्यादा खाने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ सकता है. वहीं ब्राउन राइस ब्लड शुगर लेवल को धीरे-धीरे बढ़ाता है. इसका सेवन करने से डायबिटीज का खतरा कम होता है. 

कैलोरी में अंतर

अगर आप हेल्थ कॉन्शियस हैं, तो ब्राउन राइस ज्यादा फायदेमंद होता है. इसमें ज्यादा पोषक तत्व पाए जाते हैं और कैलोरी कम होती हैं. 1 कप पके हुए ब्राउन राइस में लगभग 218 कैलोरी होती हैं. वहीं व्हाइट राइस भारतीय घरों में मुख्य भोजन, पारंपरिक व्यंजनों में लोकप्रिय माना जाता है. हालांकि इसमें पोषक तत्व कम होते हैं. 1 कप पके हुए सफेद चावल में लगभग 242 कैलोरी होती हैं. 

ब्राउन राइस किसके लिए नुकसानदायक

हालांकि गर्भवती महिलाओं और बच्चों  को बाउन राइस ज्यादा नहीं खाना चाहिए. व्हाइट राइस की तुलना में ब्राउन राइस में ज्यादा आर्सेनिक पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. ऐसे में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ज्यादा सब्जी के साथ व्हाइट राइस खाना चाहिए.

कीमत और पकाने का समय

ब्राउन राइस को बनाने से पहले भिगोना जरूरी है. व्हाइट राइस बनाने में आसान है और जल्दी पकता है. ब्राउन राइस चबाने में थोड़ा सख्त होता है. वहीं व्हाइट राइस नरम और हल्का होता है. व्हाइट राइस की तुलना में ब्राउन राइस की कीमत ज्यादा होती है.

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