Bihar Rapper Sanket Shikriwal: पहले तेज संगीत के लिए सिर्फ पंजाबी म्यूजिक ही मशहूर था, लेकिन यह भ्रम टूटा है. अब मराठी और दक्षिण भारत के अन्य भारतीय भाषाओं के संगीत ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया है. खासतौर से ऐसे दौर में जब इंटरनेट नए-नए ट्रेंडिंग फ्लेवर के लिए रीजनल एंटरटेनमेंट को खंगाल रहा है. अब इस कड़ी में भोजपुरी म्यूजिक भी शामिल हो गया है. बिहार-झारखंड यंग म्यूजिशियन संकेत शिकरिवाल ने जैज़ को भोजपुरी हिप-हॉप के साथ मिला दिया है. उनका नया एल्बम ‘नाट्य अलापिका’ चर्चा में बना हुा है. इसमें 18 ट्रैक हैं, कुछ तो बहुत ही बोल्ड है. इसमें उनके दमदार भोजपुरी बोल के साथ एक सैक्सोफोन वाला ट्रैक है, जो दमदार और ताज़ा है. यह डांस करने वाला का फेवरेट बनता जा रहा है.
संकेत का म्यूजिकल सफर हुआ कविता से शुरू
संकेत की संगीत की शिक्षा दिल्ली से सटे नोएडा में हुई. यहां पर उन्होंने संगीत प्रोडक्शन की पढ़ाई की. इस दौरान उन्होंने संगीत की दुनिया में दूसरे समान सोच वाले कलाकारों से मुलाकात की. संकेत शिकरिवाल खुद स्वीकार करते हैं कि उनका म्यूजिकल सफ़र कविता से शुरू हुआ. स्कूल के दिनों में वह प्रतियोगिताओं के लिए कविताएं लिखते थे. हालांकि, उनकी लेखन शैली उतनी काव्यात्मक नहीं लगती थी, क्योंकि उसमें अपशब्दों का इस्तेमाल होता था. आखिरकार, उन्हें हिप-हॉप में अपनी आवाज़ मिली और उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें कुछ भी कम करने की ज़रूरत नहीं है. संकेत की मानें तो हिप-हॉप ने उन्हें वह लिखने की आज़ादी दी जो वह सच में महसूस करते थे.
कलाकार को होती सपोर्ट की जरूरत
SCREEN के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि यह मोटिवेटिंग है. यह सब करते रहने के लिए कलाकार को दर्शकों के प्यार और सपोर्ट की ज़रूरत होती है. संकेत शिकरिवाल का मानना है कि भोजपुरी में अच्छा आर्ट बनाने वाले किसी भी व्यक्ति को पहचान मिलेगी, चाहे वह संगीत हो या फिल्में. लोग बस कुछ असली चीज़ का इंतज़ार कर रहे हैं.
अपनी पहचान के साथ संगीत जरूरी
संकेत शिकरीवाल इस बात की आलोचना करते हैं कि भारतीय हिप-हॉप कलाकार अक्सर पश्चिमी ट्रेंड्स की नकल करते हैं, बिना यह समझे कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर आप किसी से प्रेरित हैं, तो उनकी मानसिकता को समझें और न कि सिर्फ़ उनकी शैली को. संकेत इस बात पर जोर देते हैं कि क्षेत्रीय कलाकारों को दूसरों की नकल करने के बजाय अपनी अभिव्यक्ति में ईमानदार रहना चाहिए. वह कहते हैं कि दिल्ली के रैपर तेज़ रैप करते हैं क्योंकि वहां के लोग ऐसे ही बोलते हैं. ऐसे में आपको अपनी पहचान के प्रति सच्चा रहना होगा.
संकेत को मिली करियर चुनने की आजादी
एक पढ़े-लिखे परिवार में पले-बढ़े संकेत शिकरिवाल स्वीकार करते हैं कि उन्हें हमेशा एक खास तरह की आज़ादी मिली. उनके माता-पिता अभी भी पूरी तरह से नहीं समझते कि हिप-हॉप क्या है? लेकिन वे मुझ पर भरोसा करते हैं. उन्होंने देखा कि मैं इस बारे में कितना सीरियस था. सच में कोई दूसरा ऑप्शन नहीं था. या तो उन्हें मेरा साथ देना था, या नहीं.
संकेत स्वीकारते हैं भोजपुरी संगीत की आलोचना को
28 वर्षीय कलाकार संकेत शिकरिवाल का कहना है कि जब मैं भोजपुरी गाने डालता हूं, तो मेरा कंटेंट उन लोगों तक पहुंचता है जो सिर्फ़ भोजपुरी गाने सुनते हैं. उनका यह भी मानना है कि मेरा पूरा सेलिंग पॉइंट यह है कि मैं उन लोगों को ज़्यादा पसंद आता हूं जो भोजपुरी इंडस्ट्री से थोड़ा परेशान हैं. संकेत भोजपुरी संगीत की आलोचना को स्वीकार करते हैं. वह कहते हैं कि आप कला में किसी एक चीज़ को वल्गर नहीं कह सकते, लेकिन दिक्कत तब शुरू होती है जब सब एक ही तरह के गाने बनाने लगते हैं. अब कोई वैरायटी नहीं रही. यह खतरनाक है. लोक संगीत खूबसूरत है, लेकिन अब यह लगभग गायब हो गया है. होली जैसे त्योहारों में भी यह मुश्किल से सुनने को मिलता है. मैं उस भावना को वापस लाना चाहता हूं.