Hansi District News: हरियाणा के नक्शे में अब बदलाव हो गया है. सरकार ने हांसी को हरियाणा का 23वां जिला घोषित कर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. हांसी को अब नई प्रशासनिक पहचान मिल गई. साथ ही यह हिसार की सीमाएं भी अब सिमट गई हैं. बता दें कि सीएम नायब सैनी ने हांसी में विकास रैली को संबोधित करते हुए हांसी को अलग जिला बनाने की घोषणा की थी. प्रस्तावित जिला हांसी में हांसी और नारनौंद विधानसभा क्षेत्रों के कुल 110 गांवों को शामिल किया गया है. जिले का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल करीब 1,34,976 हेक्टेयर होगा, जबकि अनुमानित जनसंख्या करीब 5.41 लाख है. यह जिला दो विधानसभा सीटों वाला है.
ये हैं हांसी शहर की 10 प्रमुख खूबियां
- असिगढ़ किला: पृथ्वीराज चौहान द्वारा निर्मित यह ऐतिहासिक किला, इसकी मजबूत दीवारों और रणनीतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, जो शहर की शान है.
- ऐतिहासिक द्वार: दिल्ली गेट, बर्सी गेट जैसे पुराने किले के द्वार शहर के गौरवशाली अतीत और वास्तुकला की झलक दिखाते हैं.
- धार्मिक विविधता: यहां जैन मंदिर, चार कुतुब दरगाह, और अन्य धार्मिक स्थल हैं जो आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं.
- पुरातात्विक खजाना: यह शहर प्राचीन सभ्यताओं के अवशेषों, जैसे सिक्के और मिट्टी के बर्तनों, से भरा है, जो इतिहास प्रेमियों के लिए खास है.
- भौगोलिक अनोखापन: शहर के किसी भी द्वार से प्रवेश करने पर ऊंचाई बढ़ती है, जो इसकी अनोखी भौगोलिक विशेषता है.
- रणनीतिक महत्व: यह कभी कुषाण और बाद में जॉर्ज थॉमस जैसे शासकों का गढ़ रहा है और मुगल काल में टकसाल व सैन्य छावनी भी थी.
- हस्तशिल्प और उद्योग: यहां हाथ-करघा बुनाई, धातु कार्य और सूती जिनिंग जैसे पारंपरिक उद्योग हैं.
- आधुनिक सुविधाएं: हरियाणा पर्यटन द्वारा विकसित ब्लैकबर्ड रिसॉर्ट्स जैसे स्थान यात्रियों को आराम और सुविधा प्रदान करते हैं.
- कनेक्टिविटी: यह शहर सड़क और रेलमार्ग से हिसार और दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है.
- सांस्कृतिक विरासत: हांसी में पुराने शहर की शांत गलियां, पारंपरिक हरियाणवी मेहमाननवाज़ी और स्थानीय व्यंजनों का आनंद मिलता है, जो इसे एक अनूठा अनुभव देता है.
इंजमाम-उल-हक से है नाता
पाकिस्तानी क्रिकेटर इंज़माम-उल-हक (Inzamam-ul-Haq) और उनके परिवार की जड़ें भारत के हरियाणा के हांसी शहर से जुड़ी हैं. उनका परिवार सन 1947 के भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान हांसी से पाकिस्तान चले गए थे और इंज़माम अपने पुश्तैनी घर को देखना चाहते थे लेकिन सुरक्षा कारणों से जा नहीं सके. उनके भतीजे इमाम-उल-हक (Imam-ul-Haq) भी क्रिकेटर हैं और उनके परिवार का इतिहास हांसी से जुड़ा है.
हांसी और नारनौंद में आने वाले गांव
हांसी शहर, अनीपुरा, बडाला, बांडा हेडी, बाडा जग्गा, बड़छपर, बास आजमशाहपुर, बास अकबरपुर, बास बादशाहपुर, बास ख़ुर्द बिजान, भकलाना, भैणी अमीरपुर, भाटला, भाटोल जाटान, भाटोल रागडान, बीड हांसी, बुडाना, चानोत, डाटा, दयाल सिंह कॉलोनी, दैपल, धामियां, ढाणा खुर्द, ढाणा कलां, ढंढेरी, ढाणी ब्राह्मणान माजरा राजपुरा, ढाणी गुजरान, ढाणी केंदु, ढाणी कुम्हारान, ढाणी कुन्दनपुर, ढाणी पाल, ढाणी पीरान, खेड़ा रागडान, खेड़ी गगन, खेड़ी जालब, खेड़ी लोचब, खेड़ी रोज और खेड़ी श्योराण, किन्नर, कोथ कलां, कोथ खुर्द, कुलाना, कुम्भा, कुतुबपुर, लालपुरा, लोहारी राघो, मदन हेडी, माढा, मैहंदा, महजद, माजरा, मामनपुरा, मसूदपुर, मिलकपुर, मिर्चपुर, मोहला, मोठ करनैल साहब, मोठ रांगडान, मुजादपुर, नाडा, नारनौंद, नारनौंद औंगशाहपुर, पाली, पेटवाड़ , प्रेमनगर, ढाणी पीरावाली, ढाणी पुरिया, ढाणी राजू, ढाणी सकरी, ढाणी ठाकरिया, धर्म खेड़ी , गढ़ी, गढ़ी अजिमा, गामड़ा, घिराय, गुराना, हैबतपुर, हाजमपुर, जमावड़ी, जामनी खेड़ी, जीतपुरा, कांगसर, कंवारी, कापड़ो, खाण्डा खेड़ी, खानपुर, खरबला, खरकड़ा, पुट्ठी मंगलखां, पुट्ठी समैण , राजपुरा, राजथल, राखी खास, राखी शाहपुर, रामायण, रामपुरा, रोशन खेड़ा माजरा खरबला, सैनीपुरा, शेखपुरा, सिंधर, सिंघवा खास, सिंघवा राघो, सीसर, सिसाय बोला, सिसाय कालीरावण, सोरखी, सुलचानी, सुल्तानपुर, थुराना, उगालन, उमरा.