सनातन परंपरा में ब्रह्म मुहूर्त को बहुत शुभ समय माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस शुभ समय में जागते हैं, उनके जीवन में तरक्की के रास्ते हमेशा खुले रहते हैं. ब्रह्म मुहूर्त में जागने से न सिर्फ शरीर स्वस्थ रहता है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह भी बना रहता है. इसीलिए बड़े-बुजुर्ग हमें इस समय जागने की सलाह देते हैं.
ज्योतिषियों का कहना है कि ब्रह्म मुहूर्त दिन के आठ पहरों में सबसे खास है, और हमें इस शुभ समय में कुछ गलतियों से बचना चाहिए.
नकारात्मक विचार
ज्योतिषियों का कहना है कि ब्रह्म मुहूर्त में कभी भी नकारात्मक या अशुभ विचार नहीं रखने चाहिए. ऐसा करने से पूरे दिन तनाव और बेचैनी रहती है. जो लोग इस समय सकारात्मक विचार रखते हैं, उन्हें जीवन में शुभ फल मिलते हैं.
खाना खाना
ब्रह्म मुहूर्त में जागने के तुरंत बाद कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए. यह समय शरीर और मन की शुद्धि के लिए बहुत ज़रूरी माना जाता है. इसलिए, खाने-पीने के बजाय भगवान का ध्यान करना चाहिए.
बुरा बर्ताव
ब्रह्म मुहूर्त में किसी के साथ भी गलत भाषा का इस्तेमाल न करें. इस समय किसी का अपमान करना या गलत व्यवहार करना अशुभ माना जाता है. ऐसे व्यक्ति को कभी भी भगवान की कृपा नहीं मिलती. यह समय दान-पुण्य करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है.
यौन संबंध
ब्रह्म मुहूर्त में यौन संबंध बनाना भी मना है. इस पवित्र समय में सिर्फ भगवान को याद करके ही मोक्ष मिल सकता है. इसलिए, इस समय जागें, बैठें और भगवान के नाम या उनके मंत्रों का जाप करें.
ब्रह्म मुहूर्त में मंत्र जाप
शास्त्रों में कहा गया है कि ब्रह्म मुहूर्त में आंखें खोलते ही दोनों हथेलियों को देखकर ‘ॐ कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती. करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्॥’ मंत्र का जाप करना बहुत शुभ और फलदायी होता है. कहा जाता है कि हमारे हाथों की उंगलियों में देवी-देवता निवास करते हैं. इसलिए, ब्रह्म मुहूर्त (सूर्य उदय से पहले का शुभ समय) में उन्हें देखकर मंत्र का जाप करना बहुत फायदेमंद माना जाता है.
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