Bangladesh Elections 2026: बांग्लादेश में 12 फरवरी, 2026 को होने वाले 13वें पार्लियामेंट्री चुनाव से पहले इलेक्शन कमीशन ने कैंपेनिंग के नियमों में बड़े और सख्त बदलाव किए हैं. इन बदलावों ने चुनावी माहौल को बदल दिया है. अब दीवारों पर पोस्टर नहीं दिखेंगे, गाड़ियों के जुलूस नहीं दिखेंगे, और नेता अब हेलीकॉप्टर से ज़ोरदार कैंपेन नहीं कर पाएंगे.यहां तक कि सोशल मीडिया कैंपेन पर भी कड़े नियम लागू कर दिए गए हैं.
पोस्टर का इस्तेमाल करने पर रोक
उम्मीदवार अब अपने कैंपेन में किसी भी तरह के पोस्टर का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. हालांकि पर्चे, हैंडबिल और तोरणों की इजाज़त है, लेकिन उनके इस्तेमाल पर सख्त शर्तें हैं. ये कैंपेन मटीरियल किसी भी दीवार, बिल्डिंग, पेड़, बिजली या टेलीफोन के खंभे, सरकारी ऑफिस या गाड़ियों पर नहीं लगाए जा सकते. पॉलिटिकल पार्टियों के लिए यह भी तय किया गया है कि कैंपेन मटेरियल पर सिर्फ़ कैंडिडेट और पार्टी हेड की ही तस्वीर हो सकती है.
क्या है पीछे का कारण?
इलेक्शन कमीशन का मानना है कि पोस्टर एनवायरनमेंट के लिए नुकसानदायक हैं. प्लास्टिक कोटिंग और केमिकल इंक से पानी जमा होने, खेतों को नुकसान और वेस्ट बढ़ता है. इसके अलावा, पोस्टर लगाने को लेकर अक्सर झगड़े और हिंसा की खबरें आती रही हैं. इन बातों को ध्यान में रखते हुए, कमीशन ने यह ज़रूरी फ़ैसला लिया.
गाड़ियों के जुलूस पर सख्ती
बदले हुए कोड ऑफ़ कंडक्ट के तहत, इलेक्शन कैंपेन के दौरान किसी भी तरह के गाड़ियों के जुलूस पर रोक है. बस, ट्रक, नाव, मोटरसाइकिल या किसी दूसरी मैकेनिकल गाड़ी से होने वाले शोडाउन और पब्लिक रैलियों की इजाज़त नहीं होगी. टॉर्चलाइट जुलूस भी अब पूरी तरह से बैन हैं. हेलीकॉप्टर के इस्तेमाल पर भी कड़ी रोक लगा दी गई है. अब, सिर्फ़ किसी पॉलिटिकल पार्टी के प्रेसिडेंट और जनरल सेक्रेटरी ही हेलीकॉप्टर या दूसरे एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं. किसी दूसरे लीडर या कैंडिडेट को ऐसा करने की इजाज़त नहीं होगी. इलेक्शन कमीशन इन नियमों के उल्लंघन पर फाइन लगा सकता है, और गंभीर मामलों में कैंडिडेटशिप भी कैंसिल कर सकता है. सोशल मीडिया पर सख्ती,
सोशल मीडिया पर रोक
यह पहली बार होगा जब चुनाव प्रचार में सोशल मीडिया को लेकर डिटेल्ड नियम लागू किए गए हैं. उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार शुरू होने से पहले रिटर्निंग ऑफिसर को अपने सोशल मीडिया अकाउंट की पूरी जानकारी देनी होगी. चुनाव आयोग ने एक और नई पहल भी शुरू की है. पहली बार उम्मीदवारों के लिए टीवी पर बातचीत का आयोजन किया जा रहा है, ताकि वोटर सीधे उनसे नीतियों और मुद्दों के बारे में सुन सकें.