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मसीहा या हमलावर? IGMC में बेड पर लेटे मरीज से मारपीट, डॉक्टर की बदतमीजी ने शर्मसार किया सफेद कोट

Written By: Aksha Choudhary
Last Updated: 2025-12-23 18:51:29

IGMC Shimla Doctor Patient Fight: शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) में हाल ही में सामने आई घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था और सोशल मीडिया दोनों ही जगह हंगामा मचा दिया है, मरीज अर्जुन पंवार अस्पताल में एंडोस्कोपी कराने आए थे, लेकिन अचानक सांस लेने में परेशानी महसूस होने पर वे अन्य वार्ड में जाकर बेड पर लेट गए, इसी दौरान उनके और डॉक्टर के बीच बहस शुरू हो गई, जिसमें आरोप है कि डॉक्टर ने पहले बदतमीजी की और फिर मारपीट तक कर दी, वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि मरीज और डॉक्टर के बीच तनाव धीरे-धीरे बढ़ता गया, और डॉक्टर की यह हरकत ‘सफेद कोट’ की गरिमा को शर्मसार कर देने वाली साबित हुई, सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होते ही लोगों ने डॉक्टर के व्यवहार की कड़ी निंदा की और इसे स्वास्थ्य पेशेवरों की जिम्मेदारी और मरीज सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाने वाला मामला बताया, इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया कि अस्पतालों में मरीज और डॉक्टर के बीच पेश आने वाले विवादों के समाधान के लिए मजबूत व्यवस्थाओं और अनुशासन की जरूरत है.

IGMC Shimla Doctor Patient Fight: शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) में हाल ही में सामने आई घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था और सोशल मीडिया दोनों ही जगह हंगामा मचा दिया है, मरीज अर्जुन पंवार अस्पताल में एंडोस्कोपी कराने आए थे, लेकिन अचानक सांस लेने में परेशानी महसूस होने पर वे अन्य वार्ड में जाकर बेड पर लेट गए, इसी दौरान उनके और डॉक्टर के बीच बहस शुरू हो गई, जिसमें आरोप है कि डॉक्टर ने पहले बदतमीजी की और फिर मारपीट तक कर दी, वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि मरीज और डॉक्टर के बीच तनाव धीरे-धीरे बढ़ता गया, और डॉक्टर की यह हरकत ‘सफेद कोट’ की गरिमा को शर्मसार कर देने वाली साबित हुई, सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होते ही लोगों ने डॉक्टर के व्यवहार की कड़ी निंदा की और इसे स्वास्थ्य पेशेवरों की जिम्मेदारी और मरीज सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाने वाला मामला बताया, इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया कि अस्पतालों में मरीज और डॉक्टर के बीच पेश आने वाले विवादों के समाधान के लिए मजबूत व्यवस्थाओं और अनुशासन की जरूरत है, मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत जांच शुरू कर दी है, और अब सबकी नजरें इस जांच के परिणाम पर टिकी हैं, घटना ने यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों की सुरक्षा और डॉक्टरों का पेशेवर आचार संतुलन बनाए रखा जा रहा है, और ऐसे मामलों से भविष्य में कैसे बचा जा सकता है.

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