Christmas celebration Ban in 5 Countries: दिसंबर का महीना बेहद खास होता है. ये महीना क्रिसमस और नए साल दोनों के लहजे से खास माना जाता है. इसमें सबसे खास है क्रिसमस का सेलिब्रेशन. हर साल दिसंबर के महीने में 25 तारीख को ईशू-मसीह के जन्मदिन के उपलक्ष्य में क्रिसमस मनाया जाता है. ईसाई समुदाय के लिए ये त्योोहार बेहद खास होता है. इस दिन धूमधाम से जश्न मनाया जाता है. इस दिन से नए साल के जश्न की भी शुरुआत हो जाती है. इसे देश ही नहीं पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया जाता है. हालांकि कुछ ऐसे देश भी हैं, जहां क्रिसमस सेलिब्रेशन पर बैन है.
सऊदी अरब में क्रिसमस पर बैन
सऊदी अरब में इस्लामिक मान्यताओं के कारण क्रिसमस के सार्वजनिक प्रदर्शन पर ऐतिहासिक रूप से रोक रहती है. हाल ही के सालों में इसके लिए थोड़ी ढील मिली है. हालांकि क्रिसमस के लिए सार्वजनिक उत्सव अभी भी कानूनी नहीं है. यहां लोग पब्लिकली क्रिसमस नहीं मनाया जाता.हालांकि बदलते नियमों में बदलाव देखने को भी मिलता है.
ताजिकिस्तान में सांता से जुड़े आयोजनों पर पाबंदी
ताजिकिस्तान विदेशी सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव को कम करने के लिए सार्वजनिक क्रिसमस समारोहों को हतोत्साहित करता है. यहां पर क्रिसमस ट्री सजाने औप सांता क्लॉज से जुड़े आयोजनों पर भी पाबंदी है. यहां पर सेलिब्रेशन पूरी तरह से पाबंद नहीं है लेकिन विदेशी सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव को सीमित करने के लिए ज्यादा सपोर्ट नहीं किया जाता.
सोमालिया में नहीं मनाया जाता क्रिसमस
सोमालिया में ज्यादातर मुस्लिम आबादी है. इस्लामी कानून और चरमपंथियों के कारण यहां सरकार द्वारा क्रिसमस पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस्लामी परंपराओं को बनाए रखने और चरमपंथी समूहों की मौजूदगी के कारण होने वाली गंभीर सुरक्षा चिंताओं के कारण वहां पर बैन लगाया गया है.
ब्रुनेई में क्रिसमस के सार्वजनिक प्रदर्शन पर रोक
दक्षिण पूर्व एशिया में बोर्नियो द्वीप पर मौजूद ब्रुनेई देश में क्रिसमस सेलिब्रेट करना मना है. यहां पर लोग सख्ती से शरिया कानून का पालन करते हैं. इसके तहत क्रिसमस के सार्वजनिक उत्सव को सख्ती से कंट्रोल किया जाता है. गैर-मुसलमानों को निजी तौर पर उत्सव मनाने की अनुमति है लेकिन वे सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं कर सकते.
उत्तर कोर्रिया में क्रिसमस मनाने पर सजा
उत्तर कोर्रिया में क्रिसमस मनाने पर रोक लगाई जा चुकी है. यहा की तानाशाही विचारधारा के कारण क्रिसमस जैसे धार्मिक त्योहारों को महत्व नहीं दिया जाता. धार्मिक अभिव्यक्ति को किम राजवंश के लिए खतरा माना जाता है. इसके कारण उत्तर कोर्रिया में धार्मिक अभिव्यक्ति के सभी रूपों को दबा दिया जाता है. यहां पर क्रिसमस मनाने पर कारावास समेत गंभीर दंड दिया जाता है. यहां के लोग नेशनल कैलेंडर राज्य द्वारा निर्धारित त्योहार ही मनाए जाते हैं.