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Goodbye Towers! अब सीधे स्पेस से चलेगा मोबाइल इंटरनेट; ISRO के BlueBird-2 ने मचाई खलबली

Written By: Aksha Choudhary
Last Updated: December 25, 2025 16:21:03 IST

ISRO BlueBird-2 Satellite: टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक नया अध्याय जुड़ गया है और इसका सीधा असर आम लोगों की ज़िंदगी पर पड़ने वाला है, अब मोबाइल इंटरनेट के लिए ऊंचे-ऊंचे टावरों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि सीधे अंतरिक्ष से इंटरनेट कनेक्टिविटी का सपना सच होने की कगार पर है, ISRO से जुड़े BlueBird-2 सैटेलाइट ने इस दिशा में ऐसी हलचल मचा दी है, जिसने टेलीकॉम और टेक इंडस्ट्री दोनों को चौंका दिया है, रिपोर्ट्स के मुताबिक, BlueBird-2 को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वह सीधे मोबाइल फोन से कनेक्ट हो सकेगा, यानी बिना टावर, बिना फाइबर—सीधा स्पेस से नेटवर्क, इसका सबसे बड़ा फायदा दूर-दराज के इलाकों, पहाड़ी क्षेत्रों और उन जगहों पर मिलेगा, जहां आज भी नेटवर्क एक बड़ी समस्या है, आपदा के समय, समुद्र के बीच या सीमावर्ती इलाकों में भी कम्युनिकेशन आसान हो सकेगा, विशेषज्ञ मानते हैं कि यह तकनीक न सिर्फ इंटरनेट की पहुंच बढ़ाएगी, बल्कि डिजिटल इंडिया के विजन को भी नई उड़ान देगी.

ISRO BlueBird-2 Satellite: टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक नया अध्याय जुड़ गया है और इसका सीधा असर आम लोगों की ज़िंदगी पर पड़ने वाला है, अब मोबाइल इंटरनेट के लिए ऊंचे-ऊंचे टावरों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि सीधे अंतरिक्ष से इंटरनेट कनेक्टिविटी का सपना सच होने की कगार पर है, ISRO से जुड़े BlueBird-2 सैटेलाइट ने इस दिशा में ऐसी हलचल मचा दी है, जिसने टेलीकॉम और टेक इंडस्ट्री दोनों को चौंका दिया है, रिपोर्ट्स के मुताबिक, BlueBird-2 को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वह सीधे मोबाइल फोन से कनेक्ट हो सकेगा, यानी बिना टावर, बिना फाइबर—सीधा स्पेस से नेटवर्क, इसका सबसे बड़ा फायदा दूर-दराज के इलाकों, पहाड़ी क्षेत्रों और उन जगहों पर मिलेगा, जहां आज भी नेटवर्क एक बड़ी समस्या है, आपदा के समय, समुद्र के बीच या सीमावर्ती इलाकों में भी कम्युनिकेशन आसान हो सकेगा, विशेषज्ञ मानते हैं कि यह तकनीक न सिर्फ इंटरनेट की पहुंच बढ़ाएगी, बल्कि डिजिटल इंडिया के विजन को भी नई उड़ान देगी, सोशल मीडिया पर लोग इसे “गेम चेंजर” बता रहे हैं और कह रहे हैं कि यह कदम भविष्य के स्मार्ट और कनेक्टेड भारत की झलक है ,यह तकनीक पूरी तरह लागू हो जाती है, तो आने वाले समय में मोबाइल इंटरनेट का मतलब ही बदल जाएगा—जहां सिग्नल की तलाश नहीं, बल्कि स्पेस से सीधा कनेक्शन होगा.

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