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Veer Bal Diwas 2025: क्यों मनाया जाता है वीर बाल दिवस, पढ़ें दो साहिबजादों की शहादत का इतिहास

Veer Bal Diwas 2025: क्या आप जानते हैं कि वीर बाल दिवस क्यों मनाया जाता है. अगर नहीं, तो बता दें कि यह उन वीरों के बलिदानों को याद किया जाता है, जिन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपनी प्राणों की आहुति दे दी.

Written By: Pushpendra Trivedi
Last Updated: December 25, 2025 18:41:38 IST

Veer Bal Diwas 2025: देशभर में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन सिखों के 10वे गुरु गोविंद सिंह के चारों साहिबजादों के सम्मान में यह दिवस मनाया जाता है. धर्म की रक्षा के लिए गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादों ने अपनी जान की परवाह किए बिना अपनी जान की बाजी लगा दी थी. जोरावर सिंह और फतेह सिंह की आज ही के दिन शहादत हुई थी. उन्हें सम्मानित करने के लिए हर साल इस दिन को वीर बाल दिवस के रूप में याद किया जाता है. इससे देश के बच्चों में उत्साह में भी बढ़ोत्तरी होती है.

मुगलों के सामने नहीं टेके घुटने

बता दें कि श्री गुरु गोविंद सिंह के चार पुत्र थे. इनके नाम अजीत सिंह, जूझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह थे. मुगलों के समय गुरू गोविंद सिंह के बेटों को सिपाहियों ने पकड़ लिया था. उनके छोटे साहिबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह से मुगलों ने इस्लाम कबूल करने को लेकर बहुत जोर डाला. लेकिन दोनों वीरों ने इस्लाम धर्म कबूल करने से इनकार कर दिया था. इससे गुस्से में आकर मुगल शासक सरहिंद के नवाब वजीर खान ने दोनों भाइयों को दीवार में जिंदा चुनवा दिया था. उनके इसी त्याग, बलिदान और देश भक्ति के संदेश को फैलाने के उद्देश्य से वीर बाल दिवस 26 दिसंबर को याद किया जाता है. 

शहीद हुए थे दो बेटे

बात 1699 की है. जब दसवें गुरु गोबिंद सिंह ने बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी, जिसमें उनके बेटे भी शामिल हुए. गोविंद सिंह को पकड़ने के लिए मुगल शासकों ने पूरा जोर लगा दिया था. इससे उनका पूरा परिवार अलग-थलग पड़ गया. उनके दोनों बेटे मां के साथ एक गुप्त स्थान पर छिपे हुए थे. लेकिन मुगलों ने उन्हें खोजकर पकड़ लिया. मुगलों ने अत्याचार कर उन्हें उनका धर्म परिवर्तन करने के लिए बहुत मजबूर किया और कई यातनाएं दीं. लेकिन, दोनों वीरों ने धर्म परिवर्तन करने से साफ इंकार कर दिया. इस दौरान गोबिंद सिंह के दो बड़े पुत्र लड़ाई में शहीद हो चुके थे. आखिर में मुगलों ने 26 दिसंबर के दिन बाबा जोरावर साहिब और बाबा फतेह साहिब को जिंदा ही दीवार में चुनवा दिया.

26 दिसंबर को मिलेंगे वीर बाल पुरस्कार

भारत सरकार ने साल 2022 में हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में याद करने का ऐलान किया था. पंजाब में विशेष तौर पर स्कूल-कॉलेजों में कई तरह के विशेष प्रोग्राम आयोजित किए जाते हैं. पहली बार गणतंत्र दिवस के बजाय देश के बाल पुरस्कार 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस पर दिए जाएंगे. इस बार पुरस्कृत होने वाले सभी 17 बच्चों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु सम्मानित करेंगी. 

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