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Bangladesh Violence Against Minorities: बांग्लादेश में हिंसा लगातार जारी है. कुछ दिन पहले, दीपू चंद्र नाम के एक हिंदू व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई जिसके बाद अब एक और हिंदू व्यक्ति की हत्या का मामला सामने आया है. भीड़ ने एक और हिंदू युवक को पीट-पीटकर मार डाला है. हालांकि, पुलिस का कहना है कि यह हमला जबरन वसूली से जुड़ा था.
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के राजबाड़ी जिले के पांग्शा में ग्रामीणों के एक समूह ने बुधवार देर रात जबरन वसूली के आरोप में एक हिंदू व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह घटना बुधवार रात करीब 11 बजे हुई.
बांग्लादेश पुलिस के अनुसार, मृतक की पहचान अमृत मंडल उर्फ सम्राट के रूप में हुई है, जिसके खिलाफ जबरन वसूली और धमकी देने के कई मामले दर्ज थे. पुलिस का कहना है कि अमृत ‘सम्राट वाहिनी’ गैंग का लीडर था. अमृत मंडल उर्फ सम्राट (30) हुसैनडांगा के अक्षय मंडल का बेटा था. पुलिस ने सम्राट के एक साथी मोहम्मद सलीम को गिरफ्तार किया है. उसके पास से एक पिस्तौल सहित हथियार बरामद किए गए हैं.
पांग्शा सर्कल के असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस देबब्रत सरकार ने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा एक व्यक्ति पर हमला किए जाने की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची. पीड़ित की पहचान अमृत मंडल उर्फ सम्राट के रूप में हुई. पुलिस ने उसे गंभीर हालत में पाया और इलाज के लिए अस्पताल ले गई, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. पुलिस का कहना है कि सम्राट के खिलाफ हत्या सहित दो मामले दर्ज थे. स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया कि सम्राट कथित तौर पर एक आपराधिक गैंग चला रहा था और जबरन वसूली और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल था. उनका दावा है कि वह लंबे समय से भारत में छिपा हुआ था और हाल ही में बांग्लादेश में अपने गांव लौटा था.
ग्रामीणों ने क्या बताया?
ग्रामीणों का कहना है कि सम्राट ने कथित तौर पर एक स्थानीय निवासी शाहिदुल इस्लाम से पैसे मांगे थे. बुधवार रात, वह और उसके कई साथी कथित तौर पर शाहिदुल के घर उससे पैसे वसूलने गए थे. जब परिवार ने “चोर! चोर!” चिल्लाना शुरू किया, तो ग्रामीण इकट्ठा हो गए और सम्राट को पीटना शुरू कर दिया. उसके अन्य साथी मौके से भाग गए. सलीम से हथियार बरामद किए गए और पुलिस को सौंप दिए गए. यह घटना बांग्लादेश में दीपू चंद्र नाम के एक हिंदू व्यक्ति की मॉब लिंचिंग के कुछ ही दिनों बाद हुई है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने दीपू चंद्र की लिंचिंग की निंदा करते हुए कहा कि देश में भीड़ हिंसा और सांप्रदायिक हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है.