Salman Khan Viral News: बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर सलमान खान (Bollywood Actor Salman Khan) ने अपना 60वां बर्थडे बेहद ही शानदार अंदाज में सेलिब्रेट किया. इसके बाद सेलिब्रेशन की बहुत सी खूबसूरत तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हैं. सलमान का जन्मदिन उनके पनवेल वाले फार्महाउस पर मनाया गया. इस बीच सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि कुछ महीने पहले पाकिस्तान की सरकार ने बॉलीवुड एक्टर सलमान खान को’आतंकवादी’ करार दिया था. आरोप है कि सलमान खान ने बलूचिस्तान को अलग मुल्क बता दिया था, जिसके बाद नाराज पाकिस्तान में उनके खिलाफ यह फैसला लिया गया था. इस दावे में कितनी सच्चाई है? इस स्टोरी में हम बताएंगे पूरी जानकारी.
सलमान खान को लेकर क्या है दावा
कुछ महीने पहले कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सलमान खान को पाकिस्तान की सरकार ने आतंकवाद-रोधी अधिनियम (1997) की चौथी अनुसूची के तहत रख दिया है. 16 अक्तूबर, 2025 को बलूचिस्तान सरकार के गृह विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था. यह अक्टूबर महीन से ही सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें कहा गया था कि सलमान खान आजाद बलूचिस्तान के सूत्रधार हैं, इसलिए उन्हें पाकिस्तान की सरकार ने आतंकवाद-रोधी अधिनियम (1997) की चौथी अनुसूची के तहत रखा है.
क्या है वायरल दावे की सच्चाई?
पाकिस्तान सरकार द्वारा आतंकवाद-रोधी अधिनियम (1997) की चौथी अनुसूची के तहत रखने की जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जब पड़ताल की गई तो दावा फुस्स निकला. हैरत की बात यह है कि यह जानकारी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई, लेकिन किसी भी बड़े पाकिस्तानी न्यूज आउटलेट या पाकिस्तान के सरकारी सूत्रों ने इस पर अपनी मुहर नहीं लगाई.
आखिर कहां से फैली अफवाह
दरअसल, सलमान खान, शाहरुख खान और आमिर खान रियाद में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इस दौरान सलमान खान ने कहा था कि इस समय यदि आप एक हिंदी फिल्म बनाएं और उसे यहां रिलीज करें, तो वह सुपरहिट होगी. सलमान ने आगे कहा था कि कई देशों के लोग रहते हैं. सलमान खान ने इस दौरान कहा था कि बलूचिस्तान के लोग हैं, अफगानिस्तान के लोग हैं, पाकिस्तान के लोग हैं, हर कोई यहां काम कर रहा है. इसके बाद ही कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सलमान खान को पाकिस्तान की सरकार ने आतंकवाद-रोधी अधिनियम (1997) की चौथी अनुसूची के तहत रखा है. दावे कुछ भी हों, लेकिन पाकिस्तान की सरकार ने या फिर आधिकारिक मीडिया हाउस ने इसकी कभी भी पुष्टि नहीं की.