Digvijay Singh Post: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने CWC की बैठक से पहले सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया, जिससे राजनीतिक गलियारों में हंगामा मचा हुआ है. दरअसल, दिग्विजय सिंह ने अपने एक्स अकाउंट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुरानी तस्वीर शेयर की है, जिसमें नरेन्द्र मोदी लालकृष्ण आडवाणी के पैरों के पास बैठे नजर आ रहे हैं. इस फोटो के साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा, ‘RSS का जमीनी स्वयंसेवक और बीजेपी का जमीनी कार्यकर्ता नेताओं की चरणों पर बैठकर सीएम और पीएम बना… यह संगठन की शक्ति है. जय सिया राम’
पोस्ट में पीएम मोदी को भी किया टैग
बड़ी बात ये है कि दिग्विजय सिंह ने अपनी पोस्ट में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे के साथ ही प्रधानमंत्री के पर्सनल अकाउंट नरेन्द्र मोदी को भी टैग किया है. इससे राजनीतिक गलियारों में हलचल है.

पोस्ट पर उठाए जा रहे सवाल
इस पोस्ट के बाद राजनीतिक गलियारों में बहस चल रही है. वहीं दिग्विजय सिंह की इस पोस्ट ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया. उनकी इस पोस्ट को देखकर कहा जा रहा है कि दिग्विजय सिंह ये कहकर कांग्रेस नेतृत्व को अप्रत्यक्ष रूप से नसीहत दे रहे हैं? क्या उन्होंने कांग्रेस संगठन में ज़मीनी स्तर पर काम करने वाले कैडर की कमी पर कटाक्ष किया है? ये सवाल सोशल मीडिया यूजर्स के दिमाग में हजारों सवालों को उपजा रहा है.
बैठक में शामिल हुए हिमाचल प्रदेश के सीएम
बता दें कि बिहार चुनाव में हार के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक शुरू हो चुकी है. इस बैठक में दिग्विजय सिंह भी शामिल हैं. बैठक में शामिल होने से ठीक पहले उन्होंने ये पोस्ट किया, जो चर्चा का विषय बनी हुई है. इस बैठक का नेतृत्व लोकसभा में नेता विपक्ष और सांसद राहुल गांधी कर रहे हैं. इस बैठक में दिग्विजय सिंह के साथ ही इस बैठक में हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू भी शामिल हुए.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने मनरेगा को समाप्त कर करोड़ों गरीबों और कमजोर तबके के लोगों को बेसहारा कर दिया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इस कदम ने गरीबों के पेट पर लात मारी और उनकी पीठ में छुरा भोंका है. कांग्रेस की तरफ से आरोप लगाया गया कि ‘विकसित भारत-जी राम जी अधिनियम’ के माध्यम से मनरेगा को खत्म किया गया है और योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाया जाना राष्ट्रपिता का अपमान है.