Know your Rituals: आपने अक्सर मंदिर में घंटियां देखी होंगी या उनकी आवाज सुनी होगी. मंदिरों में प्रवेश करते ही सबसे पहले मंदिर की घटियां ही होती हैं, जो सबका ध्यान अपनी ओर खींचती हैं. धार्मिक और वैज्ञानिक तरीकों से इन आवाजों का बहुत महत्व है. मंदिरों में घंटी बजाना आध्यात्मिक, मनोवैज्ञानिक और वैज्ञानिक कारणों का मिश्रण है. ये नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए शुभ मनाई जाती है. कहा जाता है कि मंदिर की घंटियों की आवाज से भगवान का ध्यान खुद पर आकर्षित होता है.
कहा जाता है कि मंदिर की घंटी की आवाज सुन मन को शांति मिलती है और काम के प्रति एकाग्रता बढ़ती है. कहा जाता है कि घंटी की ध्वनि देवताओं को जगाती है और उन्हें भक्तों की प्रार्थना सुनने के लिए आमंत्रित करती है. वहीं ये भी मान्यता है कि घंटी बजाने से कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं.
धार्मिक और पौराणिक कारण
- कहा जाता है कि मंदिर में घंटी की आवाज देवताओं को जगाती है. इसे सुन भगवान सचेत हो जाते हैं और भक्तों की प्रार्थना सुनने के लिए आमंत्रित करती हैं.
- मान्यता है कि घंटी बजाने से पापों का नाश होता है और कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं.
- मान्यता है कि घंटी की ध्वनि ब्रह्मांड की आदिम ध्वनि ‘ॐ’ (ओंकार) का प्रतीक है. कहा जाता है कि ये ध्वनि सृष्टि के समय गूंजी थी.
- घंटी की आवाज से नकारात्मकता दूर होती है और मन को शांति मिलती है.
- इस ध्वनि से बुरी शक्तियों (जैसे यक्ष, पिशाच) को मंदिर परिसर में प्रवेश करने से रोकती है.
घंटी बजाने के धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक कारण
- कहा जाता है कि घंटी की आवाज से वातावरण शुद्ध होता है. घंटी की तेज कंपन से वातावरण में मौजूद जीवाणु-विषाणु नष्ट हो जाते हैं और वो जगह शुद्ध हो जाती है.
- घंटी की आवाज से मस्तिष्क के बाएं और दाएं हिस्सों को जोड़ती है, जिससे मन शांत और केंद्रित होता है.
- घंटियों में तांबा और जस्ता होता है, जिससे ‘ॐ’ की प्रतिध्वनि पैदा होती है. ये शरीर के एनर्जी सेंटर्स को सक्रिय और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है.
- घंटी की ध्वनि भक्तों को दैवीय उपस्थिति का एहसास कराती है और सकारात्मकता का एहसास कराता है.
- घंटी की आवाज बाहरी विचारों को शांत करने में मदद मिलती है. इससे भक्तों को ध्यान लगाने और पूजा करने के लिए तैयार करती है.