Esther Lalduhawmi Hnamte: कुछ बच्चे बचपन से ही बहुत क्यूट होते हैं और साथ-साथ उनकी आवाज भी उनके जैसी मधुर होती है. मिजोरम की नौ वर्षीय एस्थर हनमते को कला एवं संस्कृति श्रेणी में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया. 26 दिसंबर को राजधानी में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें बच्चों के लिए भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किया. मिजोरम की पहाड़ियों से उठी एक मासूम सी वॉइस को जब देश ने सुना तो दिल में गुदगुदाहट होने लगी. पूरे देश का ध्यान इस बच्ची ने अपनी ओर खींच लिया. लुंगलेई की रहने वाली नन्ही एस्तेर ने सुरों के जरिए ऐसा जादू बिखेरा कि कम उम्र में ही उन्होंने लाखों लोगों को अपना दीवाना बना लिया. अपनी मेलोडी आवाज से उनका नाम राष्ट्रीय पहचान बन गया. संगीत और संस्कृति में अद्भुत योगदान के लिए उन्हें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. यह हम सभी के लिए गर्व का पल है.
छोटी सी बच्ची ने जीता जहां
यह मासूम बच्ची देश भर के उन 16 बच्चों में शामिल थीं जिन्हें वीरता, सामाजिक सेवा, पर्यावरण, खेल, कला और संस्कृति तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया. जिस उम्र में ज्यादातर बच्चे सही सो बोल भी नहीं पाते और वे अपनी ही दुनिया में खोए रहते हैं, उस उम्र में एस्तेर ने सुरों की दुनिया में अपनी अलग ही छाप छोड़ी है. 3 साल की उम्र में शुरू हुआ उनका संगीत का सफर चर्चों से निकलकर देश के बड़े मंचों तक पहुंच गया. उनकी सादगी भरी आवाज में गूंजता राष्ट्रप्रेम लोगों के दिलों को छू गया और देखते ही देखते यह नन्हीं कलाकार पूरे देश की लाड़ली बन गई.
Proud moment for Lunglei & Mizoram 🇮🇳✨
Esther Lalduhawmi Hnamte of Lunglei College Veng received the “Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar 2025”, India’s highest children’s honour, from President Smt. Droupadi Murmu on Dec 26. Congratulations! 🌟 pic.twitter.com/K5c2G5DTtK— Deputy Commissioner, Lunglei District (@dclunglei) December 26, 2025
ऐसे हुआ गाने का सफर
एस्तेर लालदुहावमी ह्नमटे का जन्म 9 जून 2016 को मिजोरम के लुंगलेई कस्बे में हुआ था. सामान्य फैमिली से आने वाली ऐस्तेर ने सिर्फ 3 साल की उम्र से ही संगीत की दुनिया में कदम रख दिया था. वे पहले चर्च व लोकल प्रोग्रामों में परफॉर्मेंस करती थीं. अक्टूबर 2020 में ए आर रहमान का ‘वंदे मातरम’ गाते हुए उनका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ. इसे पहले तो मिजोरम के पूर्व मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शेयर किया था. राष्ट्रपति मुर्मू ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि इन पुरस्कार विजेता बच्चों ने अपने परिवारों, समुदायों और पूरे देश को गौरवान्वित किया. उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये सम्मान देश भर के बच्चों को प्रेरित करेंगे. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों की असाधारण उपलब्धियों को मान्यता देता है.
देश ने किया दुलार
फिर इस नन्हीं और प्यारी दिखने वाली एस्तेर को नेशनल लेवल पर पहचान मिली. एस्तेर परिवार में तीन भाई-बहनों में सबसे छोटी है. कम उम्र में ही उन्हें कई सम्मान मिल चुके हैं. इनमें मिजोरम के पूर्व राज्यपाल पी एस श्रीधरन पिल्लै की खास सराहना मिली और डालमिया सीमेंट भारत लिमिटेड द्वारा दिया गया यंग अचीवर्स अवॉर्ड शामिल है. साल 2021 में उन्हें अमूल के एक एड में अमूल गर्ल के रूप में भी दिखाया गया, जिससे वो और ज्यादा फेमस हो गई. अब पूरी दुनिया ने एस्तेर की आवाज को सराहा है.