Pausha Putrada Ekadashi 2025: आज पौष माह की एकादशी तिथि है और पौष एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. हर एकादशी की तरह पुत्रदा एकादशी का भी हिंदू धर्म में बेहद खास महत्व होता है, मान्यताओं के अनुसार, जो व्यक्ति पुत्रदा एकादशी का व्रत करता उसे संतान सुख मिलता है और पारिवार में खुशहाली आती है, इसके अलावा पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पापों को खत्म करन के लिए भी एक्दाशी का व्रत बेहद फलदायी माना जाता है.
आज पुत्रदा एकादशी का दिन बेहद खास है, क्योंकि आज 3 बेहद शुभ योग का यंयोग बन रहा है. इस शुभ योग में भगवान विषणु और मक्ष्मी की पूजा आपके लिए बेहद लाभदायक हो सकती है. आज के दिन पुत्रदा एकादशी व्रत करने से आपकी मनचाही इच्छा भी पूरी हो सकती है. आइये जानते हैं आज के बिन बन रहे 3 शुभ योग के संयोग के बारे में और आज के दिन के शुभ मुहूर्त और पुत्रदा एकादशी की सही पूजा विधि के बारे में.
पुत्रदा एकादशी के दिन क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 दिसंबर के दिन सुबह 7 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगी और यह तिथि अगले दिन 31 दिसंबर की सुबह 5 बजे तक रहेगी. ऐसे में कुछ लोग 30 दिंसबर को एकादशी का व्रत करेंगे और कुछ लोग 31 दिंसबर को पुत्रदा एकादशी का व्रत करेंगे
30 दिंसबर के दिन शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: 12:18 PM – 1:01 PM
अमृत काल: 9:31 AM – 11:09 AM
ब्रह्म मुहूर्त: 5:39 AM – 6:27 AM
विजय मुहूर्त: 2:16 PM – 2:58 PM
गोधूलि मुहूर्त: 5:30 PM – 5:58 PM
31 दिंसबर के दिन शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त: 12:09 PM – 12:51 PM
अमृत काल: 7:45 AM – 9:21 AM
ब्रह्म मुहूर्त: 5:27 AM – 6:15 AM
विजय मुहूर्त: 2:13 PM – 2:55 PM
गोधूलि मुहूर्त: 5:32 PM – 6:00 PM
पुत्रदा एकादशी के दिन बन रहे हैं 3 बेहद शुभ योग
त्रिपुष्कर योग: आज पौष पुत्रदा एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है. यह शुभ योग 31 दिसंबर के दिन सुबह 5 बजे से लेकर 7 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. यानी करीब 2 घंटे 14 मिनट तक यह विशेष योग बनेगा. इस दौरान भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करना सबसे फलदायी होगा. ज्योतिष शास्त्र में त्रिपुष्कर योग को अत्यंत शुभ योग माना जाता है. इस योग में किए गए कार्य जैसे खरीदारी, भूमि, आभूषण, और व्यापारिक सौदों का फल तीन गुना मिलता है
सिद्धि योग: साल 2025 की इस अंतिम एकादशी यानी आज पौष पुत्रदा एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग रहने वाला है. यह शुभ योग 30 दिसंबर से शुरू होकर 31 दिसंबर को सुबह 1 बजकर 1 मिनट तक रहेगा, उसके बाद साध्य योग शुरू हो जाएगा. श्री हरि भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करने यह समय सबसे शुभ है.
रवि योग: द्रिक पंचांग के अनुसार, पौष पुत्रदा एकादशी पर रवि योग भी रहने वाला है. यह शुभ योग 31 दिसंबर को सुबह 5 बजकर 47 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 28 मिनट तक रहने वाला है. इस शुभ योग में दान-स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है.
पुत्रदा एकादशी व्रत की सही पूजा विधि क्या है?
पुत्रदा एकादशी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहन लें, इसके बाद घर के मंदिर की सफाई करें और गंगाजल से शुद्ध करें, भगवान विष्णु की मूर्ति और उसके सामने दीपक जलाए और व्रत का संकल्प लें. पूजा के समय भागवान विष्णु जी को तुलसी के पत्ते जरूर चढ़ाएं, क्योंकि यह उन्हें अत्यंत प्रिय होती है. साथ ही भगवान विष्णु को फूल, फल, धूप और दीप अर्पित करें. इसके बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. अगर पूरा पाठ संभव न हो, तो श्रद्धा से विष्णु चालीसा या नाम स्मरण भी किया जा सकता है. दिन भर व्रत रखें या फलाहार करें. साथ ही क्रोध, झूठ और नकारात्मक सोच से दूर रहें. शाम के समय भगवान विष्णु जी की आरती करें और मिठे का भोग लगाए. इसके बाद मंदिर जा कर क्षमता अनुसार जरूरतमंदों को भोजन या वस्त्र दान दें. अगले दिन द्वादशी तिथि पर व्रत का पारण कर लें.
पुत्रदा एकादशी व्रत के दिन पूजा में करें इन मंत्रों का जाप
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’
- ‘ॐ श्री विष्णवे च विद्महे’
- ‘ॐ नमो नारायणाय’
- ‘संतान गोपाल मंत्र’
- ‘ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः’
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