दिल्ली (SEIL Program Welcomed in All Over India): अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अंतर-राज्य छात्र-जीवन दर्शन (SEIL) के अंतर्गत चल रही ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ का देश के अलग-अलग राज्यों में स्वागत हो रहा है। इस वर्ष ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ में 450 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, ये प्रतिनिधि 16 समूहों में देश के अलग-अलग राज्यों की यात्रा पर हैं।
‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ के 16 समूहों के नाम पूर्वोत्तर भारत के लाचित बोरफुकन, कनकलता बरूआ, मतमूर जामोह, रानी मां गाइदिनल्यू आदि प्रमुख व्यक्तित्वों के नाम पर रखे गए हैं, ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ के माध्यम से पूर्वोत्तर भारत के इन महान व्यक्तित्वों के बारे में भी शेष भारत की जनता परिचित हो रही है तथा इस यात्रा में शामिल पूर्वोत्तर के युवा भारत की ‘विविधता में एकता’ के ‘ब्रांड एंबेसडर’ सिद्ध हो रहे हैं।
‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ के अंतर्गत अलग-अलग समूहों के प्रतिनिधि दिल्ली, कानपुर, भुवनेश्वर, गोरखपुर, संभाजीनगर, कोलकाता, धनबाद आदि प्रमुख शहरों की यात्रा कर चुके हैं, इन भारतीय शहरों के प्रमुख स्थानों तथा शैक्षणिक संस्थानों के भ्रमण के साथ यहां रह रहे नागरिक परिवारों के साथ यात्रा के प्रतिनिधियों का संवाद हुआ है। उपर्युक्त शहरों में ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ के प्रतिनिधियों ने राजनीति, शिक्षा, व्यापार आदि क्षेत्रों के नेताओं से भी सकारात्मक चर्चा की है।
‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ के समन्वयक अनूप कुमार ने कहा कि,”अंतर-राज्य छात्र जीवन दर्शन की ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ के माध्यम से पूर्वोत्तर भारत के युवाओं को अलग-अलग क्षेत्रों के बारे में प्राप्त हो रही जानकारियों से वे स्वयं तो समृद्ध होंगे ही साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों के विकास की दिशा में ये अनुभव दूरगामी सिद्ध होंगे। एक वर्ष के अंतराल पर भारत के विभिन्न राज्यों के युवाओं की पूर्वोत्तर आने वाली यात्रा इसी प्रकार पूर्वोत्तर की समृद्ध संस्कृति तथा विरासत से सीधे जुड़ाव का अवसर देती है।”
‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ की सह-समन्यक दारलिन तांग ने कहा कि,”पूर्वोत्तर के प्रतिनिधियों को ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ के माध्यम से प्रतिदिन नए सकारात्मक अनुभव प्राप्त हो रहे हैं, सन् 1966 में शुरू हुए SEIL (सील) के माध्यम से पूर्वोत्तरीय राज्यों के हजारों युवाओं ने शेष भारत के साथ सहजता तथा बंधुत्व भाव को प्रत्यक्षतः प्राप्त किया है। यात्रा में भाग ले रहे प्रतिनिधियों का रात्रि विश्राम स्थानीय परिवारों के साथ हो रहा है, इस कारण अलग-अलग राज्यों के पारिवारिक मूल्यों के प्रति भी प्रतिनिधियों को जानने के अवसर मिल रहे हैं।”
अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि,”आज ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ के अलग-अलग समूह कुल्लू, भिवानी, विशाखापत्तनम, जम्मू, रायपुर, बंगलौर आदि स्थानों पर पहुंचे, जहां स्थानीय लोगों द्वारा यात्रा के प्रतिनिधियों का भव्य स्वागत किया गया। यात्राएं अनुभव तथा ज्ञान विस्तार का माध्यम होती हैं। ‘राष्ट्रीय एकात्मता यात्रा’ के द्वारा पूर्वोत्तर भारत के युवाओं को शेष भारत के राज्यों से प्रत्यक्ष परिचय करने तथा सकारात्मक मूल्यों को आत्मसात करने का यह अवसर निश्चित ही उन्हें जीवन में आगे बेहतर करने की प्रेरणा देगा।”
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