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Vastu Shastra: वास्तु की ये गलती बढ़ा सकती है घर में पैतृक संपत्ति में विवाद, करें ये आसान उपाय

Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र के अनुसार, पुश्तैनी प्रॉपर्टी और कोर्ट-कचहरी से जुड़ी परेशानियां सीधे घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा से जुड़ी होती हैं. इस दिशा को स्थिरता और धन का प्रतीक माना जाता है. यहां मेन दरवाजा, किचन, टॉयलेट या काला या नीला रंग करवाने से पैसे का नुकसान और कानूनी परेशानियां बढ़ सकती हैं.

Written By: Shivashakti narayan singh
Last Updated: November 21, 2025 12:58:51 IST

Vastu Shastra: सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का खास स्थान है. वास्तु शास्त्र का हमारे घरों में पॉजिटिव एनर्जी से गहरा कनेक्शन है. वास्तु शास्त्र किसी भी कंस्ट्रक्शन से जुड़े शुभ और अशुभ नतीजों के बारे में भी बताता है. यह जमीन, दिशाओं और एनर्जी के सिद्धांतों पर भी काम करता है. वास्तु शास्त्र पुश्तैनी प्रॉपर्टी और कोर्ट-कचहरी के मामलों के लिए भी नियम बताता है.

पुश्तैनी प्रॉपर्टी के लिए वास्तु टिप्स

वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर आपको भी पुश्तैनी प्रॉपर्टी पाने में मुश्किलें आ रही हैं या कोर्ट-कचहरी के मामले बढ़ रहे हैं, तो आपको अपने घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा जरूर देखनी चाहिए. यह दिशा स्थिरता, धन और परिवार की सुरक्षा का प्रतीक है. इसलिए, यहां कोई भी कमी पैसे की रुकावट, कानूनी परेशानियां और परिवार में तनाव पैदा कर सकती है. इस दिशा की सबसे बड़ी कमी मेन दरवाजा माना जाता है.

साउथ-वेस्ट

साउथ-वेस्ट की तरफ दरवाजा होने से पैसे का नुकसान हो सकता है, मौकों में रुकावट आ सकती है और परिवार के सदस्यों के लिए एक्सीडेंट का खतरा बढ़ सकता है. इसके अलावा, साउथ-वेस्ट की तरफ किचन या टॉयलेट होने से भी पैसे की तंगी और कोर्ट केस बढ़ सकते हैं. दोनों के लिए उपाय मुमकिन हैं, लेकिन साउथ-वेस्ट की तरफ़ वाला मेन दरवाज़ा हटाना सबसे असरदार उपाय माना जाता है. इस दिशा में काला, नीला या हरा रंग भी नेगेटिव एनर्जी बढ़ा सकता है, जिससे पैसे की तंगी और कानूनी दिक्कतें हो सकती हैं.

ये उपाय करें ट्राई

वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर साउथ-वेस्ट की तरफ टॉयलेट है, तो उसके चारों ओर पीतल की चादरें या पीला टेप लगाएं. इससे कमी को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है.

साउथ-वेस्ट में मंदिर बनाने से बचें

इस दिशा में मंदिर होने से अक्सर आपके अपने परिवार के सदस्यों से पैसे का नुकसान हो सकता है. अगर रिश्तेदारों ने सालों से आपका लोन नहीं चुकाया है, तो साउथ-वेस्ट दिशा में मंदिर या कोई और वास्तु दोष जरूर देखें. मंदिर को हमेशा नॉर्थ-ईस्ट (ईशान) या वेस्ट दिशा में रखना शुभ माना जाता है.

Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. INDIA News इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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