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AppleGPT: एआई की रेस में एप्पल, बनाया खुद का जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : December 26, 2023, 5:48 am IST

India News (इंडिया न्यूज), AppleGPT: आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का चलन पूरी दुनिया में तेज होती जा रही है। ओपनएआई के जेनरेटिव एआई चैटजीपीटी के बाद बड़ी-बड़ी दिग्गज कंपनियां ने भी एआई की रेस में पीछे नहीं छूटना चाहती हैं। एआई को लेकर गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी टेक दिग्गज के बाद दुनिया की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी यानी की एप्पल ने भी अब इस रेस में शामिल हो चुकी हैं।

एप्पल ने जेनरेटिव एआई किया तैयार 

कई मीडिया रपटों में कहा जा रहा है कि आईफोन व आईपैड जैसे कई शानदार प्रोडक्ट बेचने वाली टेक कंपनी एप्पल ने अब चैटजीपीटी जैसी अपना जेनरेटिव एआई तैयार किया है। खबरों के मुताबिक, एप्पल ने चैटजीपीटी जैसी इंटरनल सर्विस पहले ही तैयार कर ली है, इसकी मदद से उसके कर्मचारी नए फीचर्स को टेस्ट कर रहे हैं, टेक्स्ट की समरी तैयार कर रहे हैं और उसके द्वारा अब तक के सीखे गए डेटा के हिसाब से सवालों के जवाब दे रहे हैं।

पहले भी आ चुकी ऐसी खबरें

बता दें कि, यह पहली बार नहीं है, जब एप्पल के द्वारा जेनरेटिव एआई को तैयार करने की खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं। इससे पहले भी इस साल जुलाई में भी इस तरह की खबरें सामने आई थीं। तब बताया गया था कि एप्पल अपने एआई मॉडल पर काम कर रही है। मिली खबरों के अनुसार, एप्पल के इस लार्ज लैंग्वेज मॉडल यानी एलएलएम को Ajax नामक नए फ्रेमवर्क पर तैयार किया गया है।

मेमोरी को स्टोर करने का निकाला तरीका

वहीं, अब एप्पल ने उसके आईफोन और आईपैड पर रन करने वाले एलएलएम के बारे में एक नया रिसर्च पेपर फाइल किया है। इस रिसर्च पेपर में कहा गया है कि, लिमिटेड डीआरएएम कैपेसिटी वाली किसी डिवाइस पर किस तरह से लार्ज लैंग्वेज मॉडल को रन कराया जा सकता है। दरअसल यह सीमित डीआरएएम कैपेसिटी के साथ ही एलएलएम को रन करना संभव नहीं होता है। इसके लिए एप्पल ने एलएलएम को फ्लैश मेमोरी पर स्टोर करने का आसान तरीका निकाला है, जिसके जरूरत पड़ने पर डिवाइस के साथ इसे जोड़ा जा सकता है।

कंपनी कई सालों का कर सकती है एग्रीमेंट 

इसके साथ ही इसी बीच कुछ अन्य खबरों में दावा किया गया है कि, एप्पल ने अपने जेनरेटिव एआई को ट्रेन करने के लिए कई प्रमुख न्यूज व कंटेंट कंपनियों के साथ ही बातचीत शुरू की है। इसके लिए कंपनी कई सालों का एग्रीमेंट कर सकती है और 50 मिलियन तक डॉलर से ज्यादा का भुगतान करने के लिए तैयार है। एप्पल चाहती है कि उसे डील करने वाली न्यूज कंपनी अपने न्यूज आर्टिकल्स के आर्काइव का भी एक्सेस दे।

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