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India News (इंडिया न्यूज), Apple Cyber Security: मोबाइल फोन यूज करने वाले ज्यादातर लोगों का मानना है कि सिक्योरिटी के मामले में एप्पल कंपनी से अच्छा कोई नहीं। इतना कई यूजर एप्पल का फोन सिर्फ सिक्योरिटी सेफ के चलते ही खरीदते, लेकिन आपको ये बात जानकारी हैरान होगी की एप्पल की सिक्योरिटी भी खतरे में है। जी हां भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (CERT-In)ने एप्पल यूजर्स के लिए कड़ी चेतावनी जारी की है। सरकारी एजेंसी के अनुसार एपल के कई डिवाइस की सिक्योरिटी खतरे में है।
गौरतलब है कि 20 सितंबर से एपल की मच अवेटेड iPhone 16 सीरीज की डिलीवरी भारत में शुरू हुई है। लोगों में नए आईफोन का क्रेज देखते ही बन रहा है। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि बिक्री शुरू होने से पहले मुंबई के रेस्तरां कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) और दिल्ली के सेलेक्ट सिटी वॉक स्थित Apple स्टोर्स पर ग्राहकों की लंबी लाइन देखने को मिली थी। ऐसे ही एक शख्स ने तो सिर्फ आईफोन खरीदने के लिए अहमदाबाद से मुंम्बई कि उड़ान भरी वो भी सिर्फ इस फ़ोन को खरीदने के लिए यहाँ आया है। इतना नहीं उज्जवल शाह नाम का ये शख्स 21 घंटो तक लाइन में खड़ा रहा।
बता दें कि भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम के अनुसार, iOS, macOS और iPadOS समेत अन्य सॉफ्टवेयर वर्जन में कई खामियां मौजूद हैं। ये खामियां दूर बैठे हमलावर को डिवाइस तक एक्सेस प्राप्त करने और मनमाना कोड एग्जीक्यूट करने की अनुमति दे सकती है। इन खामियों का फायदा उठाकर हैकर्स आपके डिवाइस को हैक कर सकते हैं और आपकी पर्सनल जानकारी चुरा सकते हैं, आपके डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकते हैं या यहां तक कि आपके डिवाइस पर पूरी तरह कंट्रोल भी कर सकते हैं। ये खामियां iOS 18, iPadOS 17.7, macOS 14.7 और अन्य से पहले के वर्जन को प्रभावित करती हैं। इसमें tvOS: 18 से पहले के वर्जन, watchOS: 11 से पहले के वर्जन, Safari: 18 से पहले के वर्जन, Xcode: 16 से पहले के वर्जन, visionOS: 2 से पहले के वर्जन, Xcode: 16 से पहले के वर्जन और visionOS: 2 से पहले के वर्जन शामिल हैं।
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iOS: 18 और 17.7 से पहले के वर्जन
iPadOS: 18 और 17.7 से पहले के वर्जन
macOS Sonoma: 14.7 से पहले के वर्जन
macOS Ventura: 13.7 से पहले के वर्जन
macOS Sequoia: 15 से पहले के वर्जन
tvOS: 18 से पहले के वर्जन
watchOS: 11 से पहले के वर्जन
Safari: 18 से पहले के वर्जन
Xcode: 16 से पहले के वर्जन
visionOS: 2 से पहले के वर्जन
हालांकि सरकारी एजेंसी CERT-In ने यूजर्स को अपनी सिक्योरिटी को सेफ रखने के लिए कुछ सलाह भी दी है। एजेंसी ने कहा कि यूजर्स को एपल के लेटेस्ट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना चाहिए। एपल जब भी नया अपडेट जारी करे तो उसे ही यूज करें। डिवाइस को सेफ रखने के लिए जरूरी है कि आप कहीं भी क्लिक न करें और जहां संभव हो वहां अपनी पर्सनल जानकारी न दें। इसके अलावा अपने Apple ID के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन सेट करें ताकि आपकी सिक्योरिटी बढ़ जाए।
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