इंडिया न्यूज़, (State Electric Vehicle Policy 2022) : हरियाणा सरकार ने सोमवार को राज्य इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पॉलिसी 2022 को मंजूर दे दी है। आपको बता दे पॉलिसी के अंतर्गत ईवी बनाने वाली कंपनियों को कई तरह के लाभ प्रदान किये जायेगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में यहां हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में यह निर्णय लिया गया।
नए नियम के तहत ईवी बनाने वाली कंपनियों को फिक्स्ड कैपिटल इनवेस्टमेंट, नेट एससीजीएसटी, स्टांप ड्यूटी, और रोजगार बढ़ाने के लिए वित्तीय मदद दी जाएगी। यही नहीं बल्कि इस नए नियम के अंतर्गत स्टांप ड्यूटी में 100 परसेंट तक रीम्बर्समेंट दिया जाएगा। साथ ही 20 साल के लिए इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी में छूट दी जाएगी।
इस नई ईवी पॉलिसी के अंतर्गत बैटरी डिस्पोजल यूनिट लगाने वाली यूनिट को 1 करोड़ रुपये तक की FCI की 15 % राशि प्राप्त होगी। पॉलिसी हरियाणा के डोमिसाइल मैनपावर को ईवी कंपनियों के साथ नियोजित करने के एवज में 10 वर्षों के लिए प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष 48,000 रुपये की एम्प्लॉयमेंट जनरेशन सब्सिडी प्रदान करेगी।
पास हुए इस नए नियम के मुताबिक, 2030 तक हरियाणा स्टेट ट्रांसपोर्ट में चलने वाले बस बेड़े के 100 प्रतिशत बसों को इलेक्ट्रिक बसों या ईंधन सेल वाहनों या अन्य गैर-जीवाश्म – ईंधन आधारित टेक्नोलॉजी में बदलने का प्रयास किया जाएगा। State Electric Vehicle Policy 2022
मुख्यमंत्री श्री @mlkhattar ने कहा कि बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के चलते इलेक्ट्रिक वाहन आज समय की मांग है, इनके चलन से प्रदूषण भी कम होगा और पेट्रोलियम पदार्थों के इस्तेमाल में भी कमी आएगी। इसी के मद्देनजर #हरियाणासरकार ने हरियाणा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) पॉलिसी-2022 को पास किया है। pic.twitter.com/ABRCh14F2S
— DPR Haryana (@DiprHaryana) June 27, 2022
20 साल की अवधि के लिए बिजली शुल्क में छूट के साथ स्टाम्प शुल्क की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति है। एसजीएसटी रीम्बर्समेंट 10 वर्षों की अवधि के लिए लागू शुद्ध एसजीएसटी का 50 प्रतिशत होगा। इलेक्ट्रिक व्हीकल, इलेक्ट्रिक व्हीकल के कंपोनेंट्स, ईवी बैटरी, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर आदि बनाने वाली कंपनियों को कैपिटल सब्सिडी के साथ इंसेंटिव दिया जाएगा।
मेगा इंडस्ट्री को FCI के 20 % या 20 करोड़ रुपये जो भी कम हो, पर कैपिटल सब्सिडी प्राप्त होगी। बड़े उद्योग को 10 करोड़ रुपये तक FCI की 10 %, मेडियम इंडस्ट्री को FCI की 20 % 50 लाख रुपये तक, स्मॉल इंडस्ट्री को एफसीआई की 20 % 40 लाख रुपये तक और माइक्रो इंडस्ट्री को FCI के 15 लाख रुपये तक लिए 25 % की सब्सिडी मिलेगी।
इसके अलावा, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (टीसीपी) अनिवार्य रूप से कमर्शियल बिल्डिंग्स, इंस्टीटूशन बिल्डिंग्स, मॉल, मेट्रो स्टेशन आदि जैसे स्थानों पर इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के प्रावधानों को अनिवार्य रूप से शामिल करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर व थ्री-व्हीलर खरीदने पर मोर्टर व्हीकल टैक्स में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता को भी इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी के तहत छूट दी जाएगी। उन्हें 10 साल के लिए 50 प्रतिशत स्टेट जीएसटी की छूट देंगे। #Haryana #DIPRHaryana
— DPR Haryana (@DiprHaryana) June 27, 2022
ईवी नीति का उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना, कार्बन फुटप्रिंट को कम करना, हरियाणा को ईवी मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना, ईवी क्षेत्र में कौशल विकास सुनिश्चित करना, ईवी वाहनों को बढ़ावा देना, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करना और ईवी टेक्नोलॉजी में आरएंडडी को प्रोत्साहित करना है।
यह पालिसी मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स को सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बड़ी इकाइयों के लिए 2 करोड़ रुपये तक बुक वैल्यू के 25 % ईवी निर्माण में पूरी तरह से ईवी मैन्युफैक्चरिंग में बदलने की सुविधा के लिए सहायता प्रदान करती है।बयान में कहा गया है कि ईंधन से चलने वाले वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन की लागत अधिक है जो ईवीएस पर स्विच करने में खरीदारों के लिए एक प्रमुख बाधा बन सकती है ।
पॉलिसी खरीदारों को प्रोत्साहन प्रदान करती है जो प्रभावी लागत को कम करेगी और व्यक्तियों को अपने परिवहन के प्राथमिक साधन के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेने के लिए प्रेरित करेगी।
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