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(इंडिया न्यूज़,Hydrogen powered car will soon run on the roads of India): अभी हाल ही में चीन की पहली हाइड्रोजन कार देखने को मिली है। भारत सरकार और तमाम दुनिया का फोकस इलेक्ट्रिक कार के बाद अब अब हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों पर है। दरअसल भारत में पेट्रोल डीजल की जगह इलेक्ट्रिक कारों पर पिछले कई सालों से काम किया जा रहा है।
अब यही कारण है सरकार का फोकस अब battery-powered व्हीकल से शिफ्ट होकर हाइड्रोजन कार ऊपर पड़ने वाला है। कुछ दिनों पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भारत की पहली हाइड्रोजन कार में सफर करते हुए देखा गया था।
आपको बता दें, इस कार में बैठकर पार्लियामेंट पहुंचे थे। यह है जापान की कंपनी टोयोटा की Toyota Mirai कार इस कार को भारत डेमो के तौर पर लाया गया था। यह हाइड्रोजन फ्यूल सेल पर चलने वाली भारत की पहली कार है। इसे भविष्य की कार भी बताया जा रहा है ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कैसे हाइड्रोजन से किसी वाहन को चलाया जा सकता है। यहां हम आपको हाइड्रोजन से चलने वाली कार का पूरा प्रोसेस बताने वाले हैं।
इस तरह से चलती हैं हाइड्रोजन कार
अगर टोयोटा मिराई कार की बात करें तो इसमें तीन हाइड्रोजन टेक लगाए गए हैं। इन टेंक को भरने में सिर्फ 5 मिनट का समय लगता है। इसमें 1. 24 kwh का बैटरी पैक दिया गया हैं। इस कार में 182 hp की इलेक्ट्रिक मोटर मिलती है। इसी तरह की कार को हाइड्रोजन आधारित फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल कहा जाता है। यह बैटरी पावर इलेक्ट्रिक व्हीकल का एडवांस रूप हैं।
आपको बता दें, यह एक प्रकार की इलेक्ट्रिक कार होती है। कार के टेक में मौजूद हाइड्रोजन और वायुमंडल की ऑक्सीजन के बीच रिएक्शन कराया जाता है। जिससे इलेक्ट्रिसिटी जनरेट होती है इस इलेक्ट्रिसिटी से इलेक्ट्रिक मोटर को चला जाता है और इस प्रक्रिया से कार चलती है। अतिरिक्त बिजली को कार्य पर लगे बैटरी पर स्टोर कर दिया जाता है।
यह कार पेट्रोल और डीजल के मुकाबले काफी ज्यादा बेहतर है। इसे इलेक्ट्रिक कारों के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। दरअसल इलेक्ट्रिक कारों के साथ सबसे बड़ा डर इस बात का बना रहता है कि बैटरी खत्म होने पर उन्हें चार्ज करने में काफी लंबा टाइम लग जाता है। लेकिन हाइड्रोजन कार को सिर्फ 5 मिनट में सफर पर दौडाने के लिए तैयार किया जा सकता है। जबकि इसमें फायदे इलेक्ट्रिक कार वाले हैं।
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