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Incognito Mode: गूगल सैकड़ो यूजर के इनकॉग्निटो मोड का डीलिट करेगा डेटा, जानें वजह

Shubham Pathak • LAST UPDATED : April 3, 2024, 10:58 am IST

India News(इंडिया न्यूज),Incognito Mode: गुगल यूजर्स के डेटा को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है जहां Google को अपने निजी ब्राउज़िंग मोड और व्यापक ट्रैकिंग टूल पर चार साल पहले शुरू किए गए क्लास-एक्शन मुकदमे को निपटाने के लिए पिछले गुप्त मोड उपयोगकर्ताओं पर अरबों डेटा रिकॉर्ड को हटाने की उम्मीद है।

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गूगल नहीं दे रहा हर्जाना

मिली जानकारी के अनुसार, समझौते की कीमत करीब 41,676 करोड़ रुपये से अधिक और करीब 65,017 करोड़ रुपये तक आंकी गई है। जिसके लिए Google इस कोई हर्जाना नहीं दे रहा है, लेकिन यूजर्स हर्जाने के लिए कंपनी पर व्यक्तिगत रूप से मुकदमा कर सकते हैं। बता दें कि, गूगल पर साल 2020 में एक यह आरोप लगा था कि वह गूगल क्रोम और गूगल एप के इंकॉग्निटो यानी प्राइवेट मोड में भी यूजर्स को ट्रैक कर रहा है।

गूगल 2016 से कर रहा था ये काम

संशोधन करने के लिए, Google डेटा-हटाने की योजना के हिस्से के रूप में उपयोगकर्ता एजेंट स्ट्रिंग्स को सामान्यीकृत करेगा और एक्स-क्लाइंट डेटा हेडर जानकारी को शुद्ध करेगा, जो विशिष्ट क्रोम प्रोफाइल का विवरण देता है। कंपनी विशिष्ट यूआरएल टेल्स को भी शुद्ध कर देगी ताकि यह निर्धारित करना संभव न हो कि पिछले गुप्त उपयोगकर्ता ने वेब डोमेन पर कौन से विशिष्ट पेज देखे थे।

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ये था पूरा मामला

क्लास-एक्शन मुकदमा पहली बार 2020 में क्रोम गुप्त उपयोगकर्ताओं द्वारा शुरू किया गया था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि Google “गुप्त” उपयोगकर्ता ट्रैकिंग का संचालन करके अमेरिकी उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता का उल्लंघन कर रहा था। जैसा कि Ars Technica नोट करता है, Google ने पहले दावा किया था कि उपयोगकर्ताओं के गुप्त ब्राउज़िंग डेटा को पहचानना और हटाना “असंभव” था और तर्क दिया कि यह वैसे भी न्यूनतम था, Google द्वारा एकत्र किए गए सभी डेटा का लगभग 3% गुप्त ब्राउज़र बनाते हैं।

45 हजार करोड़ का मुकदमा

आपकी जानकारी के लिए, बीते साल 2020 के जनवरी में अमेरिका के कैलिफोर्निया के फेडरल कोर्ट में गूगल पर मुकदमा किया था, जहां गुगल पर आरोप लगा कि गूगल Incognito मोड में भी यूजर का डेटा सेव करता है और सारी एक्टिविटी को ट्रैक करता है। जिसके बाद गूगल 1 जून 2016 से ही यूजर्स की हर गतिविधी को ट्रैक कर रहा था। जिसके बाद गूगल से कहा गया कि, या तो वो कुल 5 अरब डॉलर (45 हजार करोड़ रुपये) का जुर्माना भरे, या हर यूजर को 5000 डॉलर (4 लाख रुपये से ज्यादा) का हर्जाना दे।

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