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भारत पूरी दुनिया में इंजीनियरिंग के नायाब उदाहरण कर रहा पेश : हुगली नदी के नीचे से गुजरेगी मेट्रो ट्रेन, बन कर तैयार है देश की पहली अंडरवाटर सुरंग

Ashish kumar Rai • LAST UPDATED : December 31, 2022, 9:25 pm IST
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भारत पूरी दुनिया में इंजीनियरिंग के नायाब उदाहरण कर रहा पेश : हुगली नदी के नीचे से गुजरेगी मेट्रो ट्रेन, बन कर तैयार है देश की पहली अंडरवाटर सुरंग

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : देश में सबसे पहले पश्चिम बंगाल के कोलकाता में मेट्रो ट्रेन की शुरुआत हुई थी। अब देश के कई बड़े शहरों में मेट्रो पहुँच चुकी है। जानकारी दें, कोलकाता ने एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। अब हुगली नदी की बहती जलधारा के नीचे से मेट्रो ट्रेन गुजरेगी। इसके लिए हुगली नदी के नीचे अंडरवाटर सुरंग बनाई गई है। अंडरवाटर सुरंग रास्ते से दिसंबर 2023 से ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा।

ज्ञात हो, कोलकाता में हुगली नदी के नीचे भारत की पहली अंडरवाटर सुरंग बनकर तैयार है। कोलकाता में मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कोरिडोर के तहत नदी में बनी देश की यह पहली सुरंग है। इस कॉरिडोर में दिसंबर 2023 में ट्रेनों का संचालन शुरू होने की उम्मीद है। आपको बता दें, यह सुरंग नदी तल से 13 मीटर और जमीन से 33 मीटर नीचे है। भारत में बन रही यह सुरंग साल्ट लेक के आईटी हब सेक्टर 5 को हावड़ा मैदान के पूर्वी हिस्से से जोड़ेगी।

अंडरवाटर सुरंग बनाने में खर्च इतनी धनरशि

ज्ञात हो, इस सुरंग को बनाने में लगभग 120 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इसकी कुल लंबाई करीब 10.8 किलोमीटर है। इसमें 520 मीटर हिस्सा पानी के अंदर से गुजरेगा, जिसे पार करने में मेट्रो ट्रेन को 45 सेकंड का वक्त लगेगा।

हुगली नदी के नीचे से गुजरेगी मेट्रो ट्रेन

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरंग का आंतरिक व्यास 5.55 मीटर और बाहरी व्यास 6.1 मीटर है। सुरंग का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। इस कॉरिडोर पर एस्प्लेनेड और सियालदह के बीच 2.5 किलोमीटर की दूरी पर कार्य प्रगति पर है जिसके पूरा होने के बाद अगले साल दिसंबर तक ट्रेनों का संचालन शुरू होने की संभावना है। यह सुरंग ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर का अहम भाग है। सुरंग को लंदन-पेरिस कोरिडोर की तरह तैयार किया जा रहा है।

भारत पूरी दुनिया में इंजीनियरिंग के नायाब उदाहरण पेश कर रहा

ज्ञात हो, कोलकाता मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर शैलेश कुमार ने मीडिया से कहा है कि इस रास्ते से ट्रेनों का संचालन शुरू होने से इलाके में ट्रैफिक की समस्या से निजात मिलेगा। इसके अलावा हावड़ा और सियालदह के बीच के सफर में 90 मिनट की जगह 50 मिनट का ही समय लगेगा।

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