India News (इंडिया न्यूज), Private Jet: केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के किसी भी देश में खुद का प्राइवेट जेट गीने चुने लोगों के पास है। इसे खरीदने में खर्च बहुत आते हैं। निजी विमान लेने में बहुत झंझट तो है हि साथ ही साथ प्रोसेस भी बहुत बड़ा है। उस खर्च को उठाना किसी आम आदमी के बस में नहीं है। लेकिन सरकार की ओर से प्राइवेट जेट की खरीद को लेकर एक सहुलियत दी गई है।
लोगों का यह सपना पूरा हो सके इसके लिए केंद्र सरकार ने एविएशन में फ्रैक्शनल ओनरशिप मॉडल इंट्रोड्यूस किया था। यह क्या होता है आईए जानते हैं।
क्या होता है फ्रैक्शनल ओनरशिप
- इसके तहत एक से ज्यादा लोग या कंपनियां मिलकर एक प्लेन खरीद सकते हैं।
- मॉडल के अनुसार आप विमान के आंशिक मालिक बन जाते हैं।
- इस में एक विमान के ज्यादा से ज्यादा 16 मालिक बन सकते हैं।
- हर मालिक विमान का कम से कम 6.25 प्रतिशत हिस्सेदार होगा।
- यब पॉलिसी शुरुआत में केवल 5 साल के लिए लागू होती है।
- विमान के मालिकों और फ्रेक्शनल कंपनी के बीच कम से कम 3 साल का एग्रीमेंट करना अनिवार्य है।
- विमान को खरीदने में आप कितना पैसा देंगे यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप साल में कितने घंटे इस्तेमाल कर सकते हैं।
- जाने लें कि प्लेन का प्राइवेट यूज करने के साथ ही आप कुछ परमिट लेने के बाद इसका कमर्शियल यूज भी कर सकते हैं।
फ्रैक्शनल ओनरशिप के फायदे
फ्रैक्शनल ओनरशिप का सबसे बड़ा फायदा आपको पैसों को लेकर होगा। इससे आपके कम पैसे खर्च होंगे। करोड़ाें रुपये का भार किसी एक को नहीं उठाना पड़ता। इतना ही नहीं विमान की खरीद के बाद भी हर दिन होने वाला बड़ा खर्च भी आपस में बांटने से वित्तीय बोझ भी कम होगा। अपना जेट होने से आप जब मन तब सफर कर सकते हैं।
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